चीनी मिलों द्वारा ज़्यादा से ज़्यादा डिजिटल सिस्टम अपनाने पर ज़ोर

लखनऊ, 14 जनवरी, देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में इस बार गन्ना पैराई सत्र के दौरान सरकार ने बीते सत्रों की तुलना में चीनी मिलों ने डिजीटल सिस्टम को ज़्यादा से ज़्यादा अपनाने पर ज़ोर दिया है। सरकार का मक़सद मिलों में गन्ना की आपूर्ति और चीनी के उत्पादन से जुड़े आँकड़ों को एक केन्द्रीयकृत सिस्टम के ज़रिये एक सर्वर पर एकत्रित करना है, जिससे पूरे प्रदेश से गन्ना पैराई सत्र में हर दिन वास्तविक स्थिति का आंकलन किया जा सके।
उत्तर प्रदेश चीनी मिल एशोसियेशन के आनन्द त्रिपाठी के अनुसार प्रदेश की सभी चीनी मिलों को सरकार ने ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ रखा है। जिलावार चीनी मिलों से हर दिन गन्ना आपूर्ति की सूचना ली जा रही है। प्रत्येक दिन चीनी मिल में अपने यहाँ आए गन्ने की आपूर्ति और मिल में उत्पादित हो रही चीनी की सूचना ज़िला गन्ना अधिकारी के यहाँ भेज रही है। वहाँ लखनऊ स्थित गन्ना व चीनी विकास विभाग को सूचना अपडेट की जाती है। शाम को ही जानकारी विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाती है।

मुजफ्फरनगर के ज़िला गन्ना अधिकारी आर डी द्विवेदी ने कहा कि सरकार की ये पहल काफ़ी सराहनीय है। मिलों में डिजिटल इंडिया तकनीक को बढ़ावा देने से सरकार के पास मिलों में गन्ना पैराई से जुड़ी पल पल की ख़बर अपडेट हो रही है। इस तकनीक से मिलवार गन्ने की आवक और खेत में हुई कटाई का आँकलन किया जा रहा है, ताकि हर दिन ये पता चल सके कि किस चीनी मिल में किसान पैराई के लिए कितना गन्ना लेकर आया और किस मिल में कितनी चीनी उत्पादित हुई। इससे चीनी मिलों के ज़िला, संभाग और प्रदेश स्तर पर गन्ना पैराई से जुड़े आँकड़ों और चीनी उत्पादन की मात्रा का पता चल रहा है। बीते साल की तुलना में वर्तमान में गन्ने की आवक कितनी हो रही है, मिलों में चीनी उत्पादन बढ़ रहा है या घट रहा है, इन सभी से जुड़ी तमाम जानकारी एक क्लिक करते ही पता चल रही है। इस तरह के सांख्यिकी डाटा एकत्रित होने से एक ओर जहां शासन को चीनी मिलों के लिए हितकारी निर्णय लेने में सरकार को मदद मिलेगी वहीं गन्ना किसानों के लिए योजनाओं को स्वीकृत करने में सहुलियत होगी।

ग़ौरतलब है कि भारत सरकार देश में डिजीटल तकनीक को बढ़ावा देकर सरकारी काम में पारदर्शिता लाने का काम कर रही है। सरकार की इसी पहल के क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने मिलों में गन्ना की आपूर्ति से लेकर गन्ना मूल्य भुगतान से जुड़े सभी तरह के सांख्यिकी रिकॉर्ड दुरुस्त करने के साथ अपडेट करने के सभी चीनी मिलों को निर्देश दिए थे जिससे न केवल यहाँ काम में तेज़ी आयी है बल्कि पारदर्शिता बढ़ने से भ्रष्टाचार पर अंकुश भी लगा है।

यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here