चीनी मिल श्रमिकों ने जिला गन्ना अधिकारी के यहा लगायी गुहार

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घोसी (मऊ) 6,जुलाई : केन्द्र सरकार देश में श्रमिक सुधार क़ानून के जरिए कामगारों को अधिकार सम्पन्न बनाने की दिशा में काम कर रही है। श्रमिकों के कल्याण के लिए ‘’श्रमेय जयते’’ योजना शुरु भी गयी है। लेकिन आज भी दो वक़्त की रोटी के लिये मेहनत कर अपना पेट पालने वाले वाले कामगारों को काम के बाद अपने मेहनताना के लिए भी दर दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। इसी से जुड़ा मामला है उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की घोसी चीनी मिल का। यहाँ की चीनी मिल के श्रमिकों को फरवरी माह से वेतन नहीं मिला है। काम के बदले महीने के अंत में तनख़्वाह की आस लगाए बैठे श्रमिकों को पगार नहीं मिलने से उनका घर चलाना मुश्किल हो रहा है। चीनी प्रबंधन की बेरुख़ी के बाद जब कहीं से भी आस नहीं बँधी तो चीनी मिल श्रमिकों ने जिला गन्ना अधिकारी सना आफरीन के यहाँ अपनी गुहार लगायी। श्रमिकों ने कहा कि उन्हें घर चलाने और बच्चों की पढ़ायी के लिए फ़ीस देनी है लेकिन पैसे नहीं है। इसलिए पहले हमें वेतन भुगतान किया जाए ओर फिर अवशेष राशि को गन्ना मूल्य भुगतान हेतु अवमुक्त किया जाए।

दरअसल इस चीनी मिल में नियुक्त स्थाई एवं सीजनल कर्मचारियों सहित दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को फरवरी 2018 से वेतन नहीं मिला जबकि अधिकारियों को अगस्त 2018 से वेतन नहीं मिला है। बीते पांच वर्ष में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ग्रेच्युटी भी नहीं मिली है। तीन वर्ष से कर्मचारियों के वेतन खाते में पीएफ राशि का भुगतान भी नहीं हुआ है। इस समस्या को लेकर चीनी मिल श्रमिक संगठन के पदाधिकारियों ने दस दिन पूर्व कार्य बहिष्कार की घोषणा के साथ ही जीएम का घेराव भी किया था लेकिन उनकी माँगो पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। हर तरफ़ से निराश श्रमिकों ने आंदोलन भी किया लेकिन हुआ कुछ नहीं। प्रबंधन के साथ दो दौर की वार्ता भी हुयी लेकिन चीनी मिल प्रबंधकों ने कहा कि मिल में रखी गई ब्राउन शुगर को बेचने से प्राप्त जो राशि बचेगी उसमें से वेतन भुगतान किया जाएगा।

उधर जिला गन्ना अधिकारी गन्ना विकास एवं शासनादेश के अनुसार चीनी बिक्री की मार्जिन मनी से किसानों के मूल्य भुगतान करने को बैठक करने पहुंची। इसकी जानकारी होते ही चीनी मिल श्रमिक वहाँ भी पहुँच गए और विरोध प्रदर्शन भी किया। श्रमिक नेता शिवाकांत मिश्रा ने बताया कि हमने कई बार प्रशासन के श्रमिकों की स्थिति से अवगत करवाया लेकिन कोई हल नहीं निकला है, मजबूरन हमें आंदोलन करना पड़ रहा है। श्रमिक नेताओं ने चीनी मूल्य से प्राप्त सकल राशि को वेतन भुगतान मद में व्यय किए जाने की माँग करते हुए मिल प्रबंधन से गन्ना मूल्य का भुगतान अन्य मद से किए जाने को कहा। जिला गन्ना अधिकारी सना आफरीन से जब मीडिया प्रतिनिधि ने श्रमिकों की समस्या का ज़िक्र करते हुए मार्जिन मनी से मूल्य भुगतान न करने की कर्मचारियों की बात रखी गयी तो कहा की शीघ्र ही सभी कर्मचारियों को वेतन दिया जाएगा, कुछ दिक़्क़तें है पर जल्द हल हो जाएगी। उन्होने कहा कि कर्मचारियों के वेतन भुगतान की समस्या के समाधान के लिए कमेटी बनी है यथा संभव सभी समस्याओं का निराकरण होगा और श्रमिकों सहित अन्य स्टाफ़ को पूरा वेतन मिलेगा।

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