चीनी मिलें कोरोना के खिलाफ लड़ने में कर कर रही है सरकार की मदद

लखनऊ/मुजफ्फरनगर 13, अप्रैल: देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ पूरा देश एकजुट है। केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर इस दिशा में काम कर रही है। कोरोना की इस जंग के बीच देश के सबसे बडे राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों में गन्ना पैराई सत्र प्रभावित होने से गन्ना किसानों को भी काफी परेशानी हुई है। मुसीबत की इस घड़ी में प्रदेश की सरकार ने सूबे की चीनी कई मिलों को सैनेटाइजर बनाने की अनुमति देकर एक साथ दो महत्वपूर्ण काम किए। एक तो प्रदेश में सैनेटाइजर की कमी को समय रहते पूरा करने का काम हुआ और दूसरा लॉकडाउन की वजह से और अन्य कारणों से आर्थिक संकट का सामना कर रही चीनी मिलों को अतिरिक्त आमदनी का मौका मिला।

उत्तर प्रदेश सहित देश भर की चीनी मिलें कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में सैनेटाइजर उत्पादन कर रही है सरकार की मदद। चीनी मिलों द्वारा उत्पादित सैनेटाइजर की मदद से कोरोना को रोकने में मदद मिलेगी।

प्रदेश में चीनी मिलों द्वारा सैनेटाइजर बनाने और इससे गन्ना किसानों को होने वाले फायदों के मसले पर मीडिया से बात करते हुए सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप साही ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना वायरस कोविड 19 के खिलाफ जितना सक्रियता से काम कर रही है उतनी ही गंभीरता से सूबे के किसानों के हितों के बारे में भी निर्णय ले रही है। मंत्री ने कहा कि आज जब सम्पूर्ण प्रदेश को कोरोना से लड़ने के लिए सैनेटाइजर की ज़रूरत महसूस हुई तो सरकार ने प्रदेश की कई कम्पनियों को सैनेटाइजर बनाने की अनुमति देकर इनके लिए अतिरिक्त आय के विकल्प बढ़ाए है। चीनी मिलों के लिए ये अवसर कोरोना के खिलाफ लड़ने में सरकार की मदद करने का जितना सेवा का अवसर है उतना ही उनके अपने लिए वित्तीय रूप से आर्थिक लाभकारी भी है। इस वक्त चीनी मिलों में गन्ना पैराई सत्र अंतिम पड़ाव पर है। ऐसे में मिलें सेनेटाइजर बनाकर जो आमदनी अर्जित करेंगी उससे मिल में काम करने वाले कामगारों को वेतन देने के साथ अन्य संसाधन जुटाने और गन्ना किसानों का बकाया चुकाने में मदद मिलेगी।

मुज्जफरनगर के कुटबे गावं के गन्ना किसान सतीश बालियान से जब इस विषय पर बात की गयी तो उनका कहना था कि हमारे यहां तकरीबन गांव के 60 फीसदी गन्ना किसानों ने चीनी मिल में गन्ना दिया है लॉकडाउन के कारण हमारे पास आर्थिक तंगी हो रही है। मिल से अभी गन्ना बकाया का पैसा नहीं मिला है। अगर जल्द पैसा मिल जाएगा तो ज़रूरतों को पूरा करने में दिक़्क़तें नहीं होंगी। चीनी मिल अधिकारियो का मानना है की सैनेटाइजर बनाने से बेशक अतिरिक्त आमदनी हो रही है लेकिन गन्ना किसानों का बकाया चुकाने के लिए काफी धन राशि की ज़रूरत पड़ेगी । मिल प्रबंधन ने कहा कि जैसे ही चीनी की बिक्री होना शुरु हो जाएगी गन्ना किसानों का बकाया चुकाने का काम शुरु हो जाएगा।

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