लॉकडाउन में भी डटी रही उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें; चीनी उत्पादन में बनाया नया रिकॉर्ड

भले ही लॉकडाउन ने सभी के सामने चुनौती पैदा की लेकिन उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने इसका डट के सामना किया और गन्ना पेराई निरंतर जारी रखा, जिसके कारण राज्य में चीनी उत्पादन एक नया रिकॉर्ड बना।

उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने 31 मई 2020 तक 125.46 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जो पिछले वर्ष की इसी तारीख को उत्पादित 117.81 लाख टन के उत्पादन से 7.65 लाख टन अधिक है। इस वर्ष संचालित 119 मिलों में से 105 मिलों ने अपनी पेराई समाप्त कर दी है और केवल 14 मिलें ही अपना परिचालन जारी रखे हुए हैं।

इस साल उत्तर प्रदेश में पेराई सीजन लंबा हो गया है। ज्यादातर गुड़ और खांडसारी इकाइयां समय से पहले बंद होने के कारण गन्ने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पेराई के लिए चीनी मिलों को भेजा जा रहा है।

इतना ही नहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अपने किसान समर्थक रुख को रेखांकित करते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों के खातों में वर्त्तमान पेराई सत्र में लगभग 20,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। कुल मिलाकर, योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद 2017 से अबतक गन्ना किसानों को लगभग 99,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

कोरोना वायरस महामारी के कारण चीनी उद्योग पर काफी गहरा असर हुआ है। देशव्यापी लॉकडाउन के चलते घरेलू और वैश्विक बाजारों में चीनी बिक्री ठप हुई है, जिसका सीधा असर मिलों के राजस्व पर दिखाई दे रहा है। आइसक्रीम, कोल्डड्रिंक और चॉकलेट जैसे विविध प्रकार के उत्पादों के कन्फेक्शनरों और निर्माताओं से औद्योगिक इस्तेमाल के लिए मांग में गिरावट के कारण चीनी की बिक्री ठप है। इसके अलावा चीनी के उप-उत्पाद की बिक्री भी धीमी है। मार्च और अप्रैल में चीनी की बिक्री लॉकडाउन के कारण एक मिलियन टन कम थी। चीनी बिक्री न होने से चीनी मिलों के सामने गन्ना भुगतान करने की भी चिंता है।

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