बांग्लादेश में चीनी उद्योग बुरे दौर से गुजर रहा है। राज्य के स्वामित्व वाली मिलें कर्ज के बोझ और चीनी न बिकने से चिंतित है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने 15 सरकारी स्वामित्व वाली चीनी मिलों के प्रबंधन में खामियों की पहचान करने के लिए एक समिति का गठन किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में चीनी उत्पादन लागत बाजार के भाव से लगभग दोगुना है, जिसके कारण अधिकृत डीलर चीनी मिल से चीनी नहीं खरीदते है और मिल में चीनी के स्टॉक में वृद्धि होती है। चीनी मिल गन्ना किसान महासंघ के महासचिव शाहजहाँ बादशाह ने कहा कि मिलों का गन्ना किसानों पर Tk 300 मिलियन से अधिक बकाया है। अनियमितताओं के कारण चीनी मिलें परेशान है लेकिन इसका खामियाजा गन्ना किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
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