बरेली में चीनी मिलों का एथेनॉल उत्पादन पर फोकस

बरेली, उत्तर प्रदेश: केंद्र सरकार के एथेनॉल सम्मिश्रण निती के तहत अब कई चीनी मिलो ने एथेनॉल उत्पादन के लिए कदम बढ़ाया है। अब इस कडी में बरेली मे तीन चीनी मिलों ने भी एथेनॉल उत्पादन की नींव रखी है। यह तीन चीनी मिलें अब गन्ने के रस से सीधे एथेनॉल बनाएंगी।

अमर उजाला डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, फरीदपुर, मीरगंज और नवाबगंज चीनी मिलों में प्लांट लगाया जा रहा है। अगले पेराई सत्र से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।

दावा किया जा रहा है कि, इससे चीनी मिलों को अधिक मुनाफा होगा और वे किसानों को समय से गन्ना मूल्य का भुगतान कर पाएंगी। वर्तमान में चीनी मिलें चीनी उत्पादन के दौरान निकले शीरे से एथेनॉल बना रही हैं। नए प्लांट लगने पर सीधे रस से एथेनॉल बनाया जाएगा।

कोरोना के कारण चीनी खपत भी कम हो रहा है जिसके चलते मिलें चीनी बेचने में संघर्ष कर रही है। अब एथेनॉल उत्पादन होने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा जिसके चलते गन्ना भुगतान में भी तेजी दिखेगी।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जून, 2021 को साल 2025 तक भारत में एथेनॉल सम्मिश्रण के लिए रोडमैप पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, 20 फीसदी एथेनॉल ब्लेंडिंग पहुंच के भीतर है। 2025 तक 20 प्रतिशत एथेनॉल सम्मिश्रण से देश को अत्यधिक लाभ मिल सकता है, जैसे प्रति वर्ष 30,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत, ऊर्जा सुरक्षा, कम कार्बन उत्सर्जन, बेहतर वायु गुणवत्ता, आत्मनिर्भरता, क्षतिग्रस्त खाद्यान्न का उपयोग के साथ साथ किसानों की आय, रोजगार और निवेश के अधिक अवसर निर्माण होंगें।

 

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