हरियाणा की मिलें चीनी के आलावा अन्य विकल्प अपनाकर कमा रही है ज्यादा आर्थिक लाभ

चंडीगढ़,8 जुलाई: हरियाणा प्रदेश कृषि उत्पादन के मामले में देश के अन्य राज्यों के लिए मॉडल स्टेट के रूप में जाना जाता है। खाद्यान्न फ़सले हो या नगदी फ़सले उत्पादन और गुणवत्ता के मामले में देश में हरियाणा की अलग ही पहचान है।

केन्द्र सरकार के बहुआयामी कृषि विकल्पों के आधार पर प्रदेश की चीनी मिलें भी आगे बढ़ रही है। यहाँ चीनी मिलों में जहाँ चीनी का उत्पादन बढ़ा है वहीं मिलें खोई बिजली बेचकर भी आर्थिक लाभ कमा रही है।

किसानों की मेहनत की बदौलत यहाँ गन्ना उत्पादन में जहाँ लक्ष्य से ज्यादा पैदावार होती है वहीं चीनी का उत्पादन भी उम्मीद से अधिक हो रहा है।

हरियाणा की सहकारी मिलों ने वर्ष 2018-19 के सीजन के दौरान 354.96 टन गन्ने की पिराई करके 3571735 किव्ंटल टन चीनी का उत्पादन किया है। सहकारी मिलों ने लगभग 159 दिनों तक गन्ने की पिराई की ओर 10.06 प्रतिशत चीनी का उत्पादन किया जो एक रिकार्ड है। जबकि उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने 9.89 प्रतिशत तथा पंजाब की चीनी मिलों ने 9.96 प्रतिशत चीनी का उत्पादन किया है।

एमडी सहकारी फेडरेशन मुकुल कुमार ने इस बारे जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की सोच है कि मिले चीनी उत्पादन पर ही निर्भर न रहे राजस्व प्राप्ति के अन्य विकल्प भी अपनाए। इसके लिए नीति बनाकर काम किया जाए। आज प्रदेश की सहकारी चीनी मिलों ने 548.02 लाख रुपए की खोई की भी बिक्री की है जो लाभ का बड़ा माध्यम बनी है। इसी तरह हमने ऊर्जा पैदा करने पर भी ध्यान दिया है और 75610879 युनिट बिजली का उत्पादन करके निगमों को बेचा है। इससे मिलों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है वहीं किसानों को भी अतिरिक्त आय हुई है।

प्रदेश के कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनकड ने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसानों को पछेती फसलों के लिए 330 रुपए, मध्यम फसलों के लिए 335 रुपए तथ अगेती फसलों के लिए 340 रुपए प्रति किव्ंटल का भाव दिया है जो पूरे देश में सर्वाधिक है।

चीनी उत्पादन के मसले पर बात करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि यूपी की तुलना में हमारे यहाँ गन्ना का क्षेत्रफल कम है लेकिन हमारी उत्पादन क्षमता यूपी जैसे बड़े राज्य से अधिक है। मंत्री ने कहा कि हरियाणा छोटा प्रदेश है लेकिन कम क्षेत्रफल के बावजूद हमारा उत्पादन अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है और हम कृषि के मामले में हम देश के के कई राज्यों से आगे है। कृषि मंत्री ने कहा कि यह सब प्रदेश सरकार की किसान हितैषी नीतियों और किसानों की मेहमत का परिणाम है। कृषि मंत्री ने प्रदेश में चीनी उद्योग को बढावा देने पर ज़ोर देते हुए कहा कि हरियाणा में चीनी मिलों को सरकार का पूरा संरक्षण है। यहाँ चीनी मिलों का गन्ना किसानों से सीधा संवाद है, इसलिए गन्ना किसान और चीनी मिल दोनों को सरकार समानान्तर सहयोग कर बढावा देने का काम कर रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार हरियाणा को उत्पादन के साथ उद्यमशील प्रदेश बनाने के लिए काम कर रही है।

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