चीनी मिलों के कबाड़ का रिसाइकल कर फिर से हो सकेगा उपयोग, होगी राजस्व की प्राप्ति

नई दिल्ली, 10 दिसमबर: केन्द्र सरकार ग्रीन और क्लीन इंडिया मिशन को फलीभूत करने को लेकर गंभीर है। शहरों और गांवों में भी स्वच्छता मिशन पर जोर दिया जा रहा है। फैक्ट्रिय़ों के कबाड को प्रसंस्कृत कर अन्य उपयोग में लेने के लेने के लिए सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। इसके लिए फैक्ट्रियों के कचरे और कबाड के अवशेषों के निस्तारण के लिए अलग से यूनिट लगाने को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस्पात औऱ अन्य तरह के कबाड़ को रिसाइकल कर लाभ कमाने के लिए चीनी मिलें भी इस दिशा में आगे बढ़ेगी इसके लिए सरकार ने पहल की है। देशभर की चीनी मिलों में हर साल कोई न कोई मशीनरी और पुर्जा खराब हो जाता है जो बाद में या तो कोडी के भाव बिकता है, या फिर बैकार ही पड़ा होता है। अब सरकार ने पहल की है तो इस कबाड को प्रसंसकृत करने के लिए चीनी मिलें भी अपनी यूनिट लगा सकती है या किसी अन्य यूनिट को बेच सकती है, जिससे चीनी मिलों को अतिरिक्त आमदनी होगी।

कबाड़ के प्रसंस्करण यूनिट लगाने के मसले पर श्रीराम डीसीएम चीनी मिल के निदेशक रोशन लाल टमक ने कहा कि सरकार की ये पहल स्वागत योग्य है। सरकार इस मिशन को आगे बढाना चाहती है तो प्रसंस्करण यूनिट के लिए सस्ती दर पर ऋण उपलब्ध कराने के अलावा अन्य तकनीकी पहलुओं पर मदद करनी होगी। हर साल चीनी मिलो में खराब होने वाले लाखों टन के स्टील और लोहे के मशीनी उत्पाद जंग की भेंट चढ़ जाते है।

टमक ने कहा कि हर चीनी मिल में कबाड़ का ढ़ेर आपकों मिल जाएगा। इसका सदुपयोग हो और चीनी मिल मालिक को बदले में पैसा भी मिले तो इससे अच्छी और क्या बात होगी। टमक ने कहा कि क्रीज़ प्रसंस्करण यूनिट लगाने में भी कोई नुक़सान नहीं है, चीनी मिलों के लिए तो यह अतिरिक्त आय का श्रोत ही है।

गौरतलब है कि हाल ही में केन्द्रीय पैट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा था कि सरकार विभिन्न श्रोतो औऱ उत्पादों से निकलने वाले फैक्ट्रियों के कबाड़ को संग्रहण कर उसके सदुपयोग के लिए कबाड़ प्रसंस्करण केन्द्रों की स्थापना करेगी। इस काम के लिए फैक्ट्रियों को प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिए सरकार की तरफ से प्रौत्साहन दिया जाएगा। सरकार की इस पहल से चीनी मिलों और अन्य औद्योगिक इकाईयों के लिए न केवल कबाड़ का सदुपयोग करने का रास्ता खुलेगा बल्कि अनुपयोगी कबाड़ के बदले वित्तीय राशि मिलने से उन्हे आर्थिक लाभ भी होगा।

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