2 अक्टूबर तक मांग नहीं मानी तो मिलों से चीनी नहीं निकलने देंगे: राजू शेट्टी

कोल्हापुर: चीनी मिलों द्वारा प्रति टन 400 रुपये तुरंत भुगतान करने की मांग को लेकर बुधवार (13 सितंबर 2023 ) को स्वाभिमानी शेतकरी संगठन ने कोल्हापुर में संयुक्त चीनी निदेशक कार्यालय पर एक विशाल मोर्चा निकाला। इस मार्च में कोल्हापुर के साथ-साथ सांगली, सतारा और सीमावर्ती इलाकों से बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के इस विशाल मोर्चा की तैयारी पिछले एक महीने से शुरू हो गई थी।

स्वाभिमानी के नेता, और पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने राज्य सरकार पर गन्ना किसानों के प्रति गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, इस साल अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय बाजार में चीनी की कीमत में अच्छी बढ़ोतरी हुई है। एथेनॉल और बिजली उत्पादन से भी चीनी मिलों की आय बढ़ रही है। किसानों को चीनी मिलों द्वारा प्राप्त अतिरिक्त आय से 400 रुपये प्रति टन मिलना चाहिए।

पूर्व सांसद शेट्टी ने कहा, पिछले साल स्वाभिमानी शेतकरी संगठन द्वारा जयसिंगपुर में आयोजित गन्ना परिषद में किसानों को एफआरपी और प्रति टन अतिरिक्त 400 रुपये देने की मांग की गई थी। लेकिन सरकार किसानों के किसी भी मुद्दे पर गंभीर नहीं है। गन्ना उत्पादक किसानों को 400 रुपये की दूसरी किस्त का भुगतान तुरंत किया जाए। राजू शेट्टी ने सरकार को चेतावनी दी कि, जब तक भुगतान नहीं हो जाता, आने वाला सीजन शुरू नहीं होने दिया जाएगा।

इस विशाल मोर्चा में प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. जालंदर पाटिल, सावकर मादनाईक, वैभव कांबळे, जर्नादन पाटिल, शैलेश आडके, सागर शंभूशेटे, सागर मदनाईक, अन्ना मगदूम आदि पदाधिकारी एवं किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

‘चीनीमंडी’ से बात करते हुए पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने कहा कि, महंगाई के कारण खेती करना किसानों के लिए जी का जंजाल बन गया है, लेकिन फिर भी मिल मालिक किसानों को उनके पसीने का दाम देने को तैयार नहीं है। इस साल चीनी की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है, और साथ ही एथेनॉल और बिजली जैसे उप-उत्पादों के उत्पादन से भी मिलों की आय में इजाफा हो रहा है। इसलिए, हमने चीनी मिल मालिकों को एफआरपी और 400 रुपये प्रति टन से अधिक का भुगतान करने की उचित मांग की है। इसके लिए हमने चीनी मिलों को 2 अक्टूबर, 2023 तक की समय सीमा दी है। तब तक अगर चीनी मिलें किसानों के खाते में 400 रुपये प्रति टन नहीं डालतीं, तो हम मिलों से चीनी बाहर नहीं जाने देंगे।इतना ही नहीं आंदोलन को और तेज किया जाएगा, लेकिन हर हाल में गन्ना किसानों को न्याय दिलाया जाएगा।

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