चीनी मिलें खुद मजदूरों को उनके घर भेजेंगी

बिजनौर: लॉकडाउन के कारण देश में करोड़ों मजदूर जगह जगह फंसे है, लॉकडाउन के बाद कई मजदूर पैदल चलकर अपे गाँव लौट रहे थे। लॉकडाउन के कारण मजदूरों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है, इसके चलते बिजनौर जिले की चीनी मिलों में काम करने वाले मजदूरों को उनके जिलों में भेजने की जिम्मेदारी ली है। इसके लिए बस या अन्य व्यवस्था चीनी मिलों को ही करनी होगी।

अमर उजाला में प्रकाशित खबर के मुताबिक, जिला गन्ना अधिकारी ने इस संबंध में चीनी मिलों को निर्देश जारी किए हैं। जो चीनी मिलें अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश करेंगी, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

जिले की सभी नौ चीनी मिलों में अभी तक गन्ना पेराई हो रही है। और अब आखिरी चरण में है। चीनी मिलों में पूर्वी उत्तर प्रदेश व बिहार के भी काफी मजदूर काम करते हैं। जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह के अनुसार चीनी मिलों को उसके यहां काम करने वाले मजदूरों को घर भेजने की व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। चीनी मिलों ने अगर मजदूूरों को घर भेजने में कोई अनदेखी की तो इस पर कार्यवाही की जायेगी।

आपको बता दे, उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट ने चीनी उद्योग को बड़ा परेशान किया है लेकिन इसके बावजूद चीनी मिलें इस संकट का सामना कर गन्ना पेराई में जुटी हुई है। चीनी मिलों को अधिक गन्ना पेराई करना पडा क्यूंकि इससे गन्ना किसानों को नुकसान से बचाया जा सके। वही इस सीजन ज्यादा गन्ना मिलने के कारण उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने चीनी उत्पादन में एक नया रिकॉर्ड बनाया है।

राज्य में पेराई सत्र थोड़ा लंबा हुआ है क्यूंकि लॉकडाउन के चलते ज्यादातर गुर / खंडसारी इकाइयों ने अपना परिचालन बंद कर दिया है और वहा का गन्ना चीनी मिलों में भेज दिया गया है, जिसके चलते मिलों के पास इस सीजन ज्यादा गन्ना पेराई के लिए आया और चीनी उत्पादन में भी बढ़ोतरी दिखी।

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