चीनी का न्यूनतम दाम ३४०० तय करने की उत्तर प्रदेश सरकार की मांग

लखनौ: उत्तर प्रदेश सरकारने केन्द्रीय उपभोक्ता, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालयसे पत्र लिख कर किसानों की बकाया राशी अदा करने केलिएचीनी के न्यूनतम दाम रु.३४०० तय करने की मांग की है. अभी तक सिर्फ देश के सबसे बड़े और चीनी के उत्पादन में अग्रणी राज्य उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें ही न्यूनतम दाम तय करने केलिए गुहार लगा रही थी. लेकिन अभी तो सीधा राज्य सरकार ही इस बात को गंभीरता से लेते हुए चीनी मिलोंकी बकाया राशि अदा करने केलिए केंद्र से मदद मांगी है.

राज्य के मुख्य सचिव(चीनी और गन्ना उत्पादन)संजय भूसारेड्डीजी ने केंद्र के खाद्यान्न सचिव को लिखे ख़त में केंद्र ने ९.५% रिकव्हरीकेलिए रु.२५५ प्रति क्विंटल दाम तय किये गए थे. इस मौसमें चीनी मिलोंको १२.३५% रिकव्हरी होने के कारण चीनी के न्युनतम दाम ३३१ प्रति क्विंटल होना चाहिए. गन्ना खरीद के राशि के अलावा मिलों कोचीनी उत्पादन प्रक्रिया और अन्यलागतदेना पड़ता है. केंद्र सरकार चीनी का न्यूनतम दाम रु.३००० प्रति क्विंटल तय करने के बारे में सोच रही है. यह चीनी की रिकव्हरी और उत्पादन लागत से कम है. अगररु.३४०० से कम न्युनतम दाम तय किया गया तो किसानों की बकाया राशी अदा करने में दिक्कत हो सकती है. इसलिए चीनी का न्यूनतम दाम रु.३४०० तय करने की मांग की है.इस संबंध में विस्तृत ब्यौरा भुसारेड्डीजी अपने ज्ञापन में दिया है. शायद यह पहली बार है की उत्तर प्रदेश सरकार चीनी मिलोंके समर्थन में आगेआयी है. गन्ने की खरीद और प्रक्रिया लागत रु.३३१ प्रति क्विंटल है. इससे कम न्यूनतम दाम चीनी मीलों और किसानों की माली हालत पर विपरीत परिणाम कर सकता है.

SOURCEFinancial Express

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