ढाका : बांग्लादेश के उपभोक्ता पहले से ही रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण खाद्य तेल, गेहूं और चावल की ऊंची कीमतों और घरेलू मोर्चे पर प्रतिकूल मौसम की स्थिति का खामियाजा भुगत रहे हैं। अब चीनी के निर्यात को सीमित करने के भारत के फैसले से बांग्लादेश में चीनी की कीमतों में तेजी आनी शुरू हो गई है, क्योंकि आने वाले दिनों में आपूर्ति की कमी को लेकर चिंता है। भारत ने निर्यात कैप लगाते हुए कहा है कि वह अपने घरेलू बाजार में उपलब्धता और मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए इस सीजन 100 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देगा।
श्रीलंका, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात के साथ बांग्लादेश भी भारत के प्रमुख खरीदारों में से एक है। बांग्लादेश चीनी के आयात पर बहुत अधिक निर्भर है।
Trading Corporation of Bangladesh के मुताबिक, पिछले एक साल में चीनी के दाम में करीब 7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। डीलरों से आपूर्ति में कमी के कारण पिछलें दो दिनों में ढाका और चट्टोग्राम के बाजारों में थोक कीमतों में Tk50 से Tk60 प्रति maund (लगभग 37 किलोग्राम) की बढ़ोतरी हो गईं।व्यापारियों ने कहा कि, देश के सबसे बड़े कमोडिटी हब, चट्टोग्राम में खातुनगंज थोक बाजार में कीमतें Tk 2,835 रुपये से Tk 2,850 रुपये प्रति maund तक पहुंच गईं, जो तीन दिन पहले Tk 2,770 से Tk 2,780 थी। ढाका और चट्टोग्राम में कुछ खुदरा दुकानों पर, कीमतें भी Tk 2 से Tk 5 प्रति किलोग्राम (किलो) बढ़कर Tk 85 से Tk 90 तक पहुंच गईं।