पाकिस्तान में महंगाई ने तोड़ी आवाम की कमर, रमजान आते ही आसमान पर पहुंची चीनी की कीमतें

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में महंगाई देश के जनता को खूब परेशान कर रही है और अब रमजान आते ही खाने पिने की चीजे, खासतौर पर चीनी की कीमतें आसमान छू रही है।

पिछले एक महीने के भीतर देश में चीनी की कीमत खुदरा बाजार में 20 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि थोक बाजार में चीनी की कीमत 4,500 रुपये प्रति 50 किलोग्राम बैग से बढ़कर 5,600 रुपये प्रति बैग हो गई है। पिछले साल नवंबर में पंजाब में गन्ने का समर्थन मूल्य 230 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये और सिंध में 250 रुपये से बढ़ाकर 302 रुपये प्रति 40 किलोग्राम करने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि चीनी की कीमत बढ़ सकती है।

हाल ही में सिंध के मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार मंजूर वासन ने कहा है कि, सिंध सरकार ने नई गन्ने की फसल की दर 450 रुपये प्रति 40 किलोग्राम तय करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि निर्णय को अंतिम मंजूरी के लिए प्रांतीय कैबिनेट के पास भेज दिया गया है, अगर इसे मंजूरी मिल जाती है और इसे लागू कर दिया जाता है तो जिंस की खुदरा कीमतें 150 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार कर जाएंगी।

पाकिस्तान शुगर मिल्स एसोसिएशन (PSMA) के पदाधिकारी इस्कंदर खान ने चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी के कारणों को बताते हुए कहा कि, सरकार ने 20 प्रतिशत कर लगाया है,2 2 प्रतिशत ब्याज दर और गन्ना मूल्य में वृद्धि से चीनी की कीमतों में इजाफा हुआ है। चीनी उद्योग दस लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है और 2021 तक इसका बाजार आकार 501 बिलियन रुपये का हुआ है। सरकार ने किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए गन्ने पर समर्थन मूल्य 2011 में 126 रुपये प्रति 40 किलोग्राम से बढ़ाकर 2022 में 300 रुपये प्रति 40 किलोग्राम कर दिया है। कुल फसली क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में गन्ने की खेती 2011 में 4.3 प्रतिशत से बढ़कर 2021 में पांच प्रतिशत हो गई।

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