भुवनेश्वर: खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण मंत्री रणेंद्र प्रताप स्वैन ने बुधवार को कहा की ओडिशा में चीनी का उत्पादन व्यावसायिक रूप से संभव नहीं है और इसे अपनी वार्षिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है।
मंत्री ने ओडिशा विधानसभा में सवालों का जवाब देते हुए कहा की ओडिशा को सालाना 2.21 लाख मीट्रिक टन चीनी की आवश्यकता होती है जबकि राज्य में केवल 8 में से दो चीनी मिलें चालू हैं।
स्वैन ने कहा कि राज्य की चीनी मिलें चीनी का उत्पादन नहीं कर रही हैं क्योंकि चीनी की कीमतें इतनी कम है कि मिलों को उत्पादन लागत भी निकालना भारी पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि एक किलोग्राम चीनी का उत्पादन 47 रुपये से 48 रुपये के बीच होता है, जबकि खुले बाजार में इसका बिक्री मूल्य 31 रुपये है।
बंद पड़ी मिलों को पुनर्जीवित करने की संभावना पर स्वैन ने कहा कि राज्य सरकार ने इस संबंध में अनेक कदम उठाए हैं और त्रस्त मिलों का विस्तृत सर्वेक्षण एक निजी एजेंसी से कराया जा रहा है। स्वैन ने बरगढ़ विधायक देवेश आचार्य के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बरगढ़ में चीनी संयंत्र को पुनर्जीवित करना मुश्किल है क्योंकि यह काफी पुराना है। इसके अलावा, बरगढ़ के किसान गन्ने के बजाय धान की खेती में ज्यादा रुचि रखते हैं।
यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.