वैश्विक बाजारों में चीनी की कमी, भारत को निर्यात का मौका

नई दिल्ली : अगले दो सालों में विश्व में चीनी का उत्पादन मांग की तुलना में 50 से 60 लाख टन घटने का अनुमान है।भारत के पास इस कमी को पूरा करने की क्षमता होने के कारण चीनी उद्योग को ‘अच्छे दिन’ आने की संभावना है। ब्राज़ील, भारत, थाईलैंड और ऑस्ट्रेलिया दुनिया के चार प्रमुख चीनी उत्पादक देश है।थाईलैंड में गन्ने के उत्पादन में कमी आई है।यूरोपीय संघ में भी ऐसे ही हालात है।पिछलें साल के सूखे के कारण ब्राज़ील में भी इस साल चीनी उत्पादन घटने की उम्मीद है।दूसरी ओर भारत में घरेलू बाजार में 265 लाख टन चीनी की जरूरत है, और इस साल लगभग 325 लाख टन चीनी का उत्पादन होने की संभावना है।जिसके चलते अधिशेष चीनी की समस्या निर्माण हो सकती है।चीनी मिलों की इस समस्या को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात करने के लिए सब्सिडी देने का ऐलान किया है। इंडोनेशिया दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी आयातक देश है।वहां की 13 रिफाइनरीयों में कच्चे चीनी की आवश्यकता होती है।इंडोनेशिया को इस वक़्त 30 लाख टन चीनी की जरूरत है।उच्च गुणवत्ता और कम परिवहन लागत के चलते इंडोनेशिया चीनी भारत से खरीदने की तैयारीयों है, और जल्द ही चीनी निर्यात को लेकर दो देशों के बीच समझोता हो सकता है।

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