देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपनी टिप्पणी से एक और विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा की, राज्य के लोगों को एक आपदा के दौरान राशन के हिस्से के रूप में आजादी के बाद से अब तक कभी चीनी नहीं मिली है। शनिवार को उत्तरकाशी में एक समारोह में बोलते हुए रावत ने कहा, आजादी के बाद से कभी भी, किसी दु:ख, कठिनाई या आपदा में चीनी का राशन पर वितरण नहीं किया गया। हम तीन महीने के लिए चीनी (राशन के हिस्से के रूप में) बांट रहे हैं, और शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में हमने इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया है।
हिंदुस्तान टाइम्स डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि उनका मतलब यह था कि कोविड -19 काल भी एक आपदा है, जिसके दौरान पहली बार उनकी सरकार राशन के हिस्से के रूप में चीनी वितरित कर रही है। उन्होंने कहा कि, अभी तक राज्य में आपदा के समय गेहूं, चावल और दाल का वितरण हुआ है, लेकिन चीनी का वितरण कभी नहीं किया गया।
सीएम की मीडिया टीम के सदस्य उदित घिल्डियाल ने कहा कि, रावत के बयान का गलत अर्थ निकाला गया है। घिल्डियाल ने कहा, कुछ साल पहले तक, चीनी राशन का हिस्सा था। लेकिन फिर राशन और बाजार में चीनी की कीमत लगभग समान हो गई। अब सीएम ने फैसला किया कि, अगस्त तक, राज्य में 23 लाख (2.3 मिलियन) कार्डधारकों को चीनी राशन के हिस्से के रूप में प्रदान की जाएगी। शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य के 23 लाख राशन कार्डधारकों को बाजार भाव से कम कीमत पर प्रति व्यक्ति 2 किलो चीनी उपलब्ध कराई जाएगी।