तमिलनाडु: धर्मपुरी में सफेद ग्रब कीट से गन्ना फसल प्रभावित

धर्मपुरी: सफेद ग्रब किट के संक्रमण ने हरुर और मोरप्पुर में गन्ने की खेती को प्रभावित किया है। किसानों ने कीटों के हमले के लिए कम बारिश को जिम्मेदार ठहराया और आशंका व्यक्त की कि उपज 50% तक कम हो सकती है, जिससे किसानों को भारी वित्तीय नुकसान हो सकता है।

ऑल शुगरकेन कल्टीवेटर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष एसके अन्नादुरई ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ग्रब कीट को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है और लगभग हर खेत किट संक्रमित हो गया है। सफेद ग्रब कीड़े सूखे जैसी स्थिति में पनपते हैं। इस संक्रमण ने नाडुपट्टी, थसराहल्ली सहित अन्य क्षेत्रों को प्रभावित किया है। एक एकड़ में लगभग 30 टन गन्ने का उत्पादन किया जा सकता है, लेकिन इसका प्रकोप इसे आधा करने की संभावना है।

किसानों का कहना है कि, कीड़े गन्ने में पानी की मात्रा को खाते हैं, अगर इसे नहीं रोका गया तो बड़े पैमाने पर नुकसान होगा। सरकार को किसानों को उचित मुआवजा जारी करना चाहिए। गन्ने की खेती एक लंबी और महंगी प्रक्रिया है। किसानों ने इसमें काफी निवेश किया है और हमें उम्मीद है कि नुकसान कम होगा।

हरुर के एक किसान पी कृष्णन ने कहा, जब यह कीड़ा किसी खेत पर हमला करता है, तो गन्ना गंभीर रूप से कुपोषित हो जाता है।पत्तियां पीली पड़कर मुरझा जाती हैं। कीड़े जड़ों को भी नुकसान पहुंचाते हैं और फसल के विकास को रोकते है। यह मिलों के लिए बेहद नुकसानदायक है क्योंकि इसका सीधा असर मिलों की रिकवरी दर पर पड़ेगा। सुब्रमण्यम शिवा शुगर मिल्स की रिकवरी दर 10% से अधिक है, इस साल यह रिकवरी दर संभव नहीं है।

सुब्रमण्यम शिव सहकारी चीनी मिल्स के प्रबंध निदेशक आर प्रिया ने टीएनआईई को बताया, संक्रमण कोई नई बात नहीं है, जब भी कम वर्षा होती है, तो कीड़े पनपते हैं। हमने निरीक्षण किया है और नियंत्रण उपायों के लिए निर्देश जारी किए हैं।हम प्रभावित क्षेत्रों का डेटा भी एकत्र कर रहे हैं और पेराई के समय इन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाती है, इससे किसानों को नुकसान से बचाया जा सकेगा।

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