मुंबई : चीनी मंडी
राज्य में सत्ता संघर्ष अपने चरम पर पहुंच गया है, जिसके बाद से ऐसा आरोप लगाया जा रहा है की कई महत्वपूर्ण समस्याओं का हल निकालने के लिए भी सरकार और विपक्षियों के पास समय नही है। चीनी उद्योग भी इस सत्ता संघर्ष की चपेट में आ गया है। इस वर्ष मंत्रिस्तरीय समिति की बैठक नहीं होने के कारण, पेराई सीजन शुरू करने में बाधा उत्पन्न हुई है। एकतरफ मंत्रिस्तरीय समिति की बैठक में हो रही देरी और दूसरी तरफ बारिश के संकट में राज्य का चीनी उद्योग फंसा हुआ है। जिससे चीनी मिलें कब शुरू होगी इस बात पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है।
नई सरकार के गठन में हो रही देरी के कारण, मंत्री समिति की बैठक अभी तक आयोजित नहीं की गई है। इससे चीनी उद्योग के आगे समस्याएं खड़ी हो गई हैं।
राज्य में किसकी सरकार बनेगी, यह अभी तक स्पष्ट नही हुआ है। इससे गन्ना पेराई प्रभावित हो रहा है। इसलिए मुख्यमंत्री के चयन, और नए मंत्रिमंडल के बिना मंत्रियों की समिति की बैठक मुश्किल है। इस बीच, चीनी मिल जल्द शुरू होने की संभावना काफी कम नजर आ रही है।
हर साल क्या होता है…
चीनी मिलों को एकमुश्त लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया सितंबर-अक्टूबर के महीनों में लागू की जाती है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिस्तरीय समिति की बैठक होती है। इनमें आधिकारिक रूप से चीनी मिलों के लिए लाइसेंस जारी करना, सीज़न की शुरुआत की तारीख तय करना, उनके लिए शर्तें तय करना, एफआरपी दरों पर निर्णय लेना, एफआरपी बकाया भुगतान पर निर्णय लेना शामिल होता हैं।
महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच फसा गन्ना पेराई सीजन यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.