नाशिक :मक्का और हरे चारे के कमी के कारण पशुओं के चारे के लिए गन्ने की मांग काफी बढ़ गई है। पिछलें साल संतोषजनक बारिश हुई थी, जिससे सभी फसले अच्छी आई थी। निफाड तहसील के सायखेड़ा, चान्दोरी चाटोरी, हिवरगाँव, करंजगाँव, म्हालसाकोरे, सोनगाँव आदि गावों पर बड़ी मात्रा में गन्ना उगाया लगाया जाता है। किसान अपना गन्ना रसवंती (गन्ना जूस की दुकान) और बुआई के साथ साथ पशुओं के चारे के लिए बेचते है।
इस साल मार्च से मई तक तीन महीनें लॉकडाउन के कारण रसवंती पूरी तरह से बंद रही। साथ ही पेराई सत्र समाप्त हुआ, परिणामस्वरूप गन्ने की मांग में काफी गिरावट आई। रसवंती दुकानों के बंद होने से किसानों पर काफी गंभीर असर पडा। इसलिए, गन्ना किसानों को अपने स्वयं के वाहनों से गन्ना बेचने के लिए गाँव-गाँव जाना पड़ रहा है। खबरों के मुताबिक मक्का और हरे चारे के कमी के कारण गन्ने की काफी मांग है।
यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.