गन्ना किसानों की चीनी मिल को पुनर्जीवित करने की मांग

अलंगनल्लूर, तमिलनाडु: राष्ट्रीय सहकारी चीनी मिलों के संचालन को फिर से शुरू करने के लिए पैसों की मांग को लेकर अलंगनल्लूर से मदुरै कलेक्ट्रेट की ओर मार्च निकालने वाले सैकड़ों किसानों को मदुरै जिला पुलिस ने सोमवार को अच्चमपट्टी में रोक दिया।

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष एन. पलानीसामी ने किया। उन्होंने कहा कि, पिछले तीन सीजन से मिल में पेराई नहीं हुई है। सरकार के अनुसार मिल को मशीनरी के रखरखाव के लिए ₹10 करोड़ की आवश्यकता है, हालांकि, मिल के रखरखाव के लिए आज तक धनराशि जारी नहीं की गई थी।सहकारी चीनी मिल के पास मदुरै और डिंडीगुल जिलों में 5,000 एकड़ से अधिक गन्ना क्षेत्र था। उन्होंने कहा, अब, इस गन्ना क्षेत्र में खेती किए जाने वाले गन्ने को निजी चीनी मिलों की ओर भेजा जा रहा है, जो गन्ने के लिए कम कीमत की पेशकश करते हैं।

उन्होंने कहा कि, कम वजन के मुद्दे के अलावा, निजी मिलें सहकारी मिल द्वारा दी गई कीमत की तुलना में प्रत्येक टन गन्ने के लिए कम से कम ₹300 कम भुगतान कर रही थीं। उन्होंने कहा कि, इस मामले में किसानों को नुकसान हो रहा है।उन्होंने कहा कि, मिल परिचालन फिर से शुरू नहीं होने के कारण गन्ना किसानों को अन्य फसलों की खेती की ओर रुख करना पड़ा।पलानीसामी ने कहा कि अगर जल्द से जल्द पेराई कार्य शुरू करने के प्रयास नहीं किए गए तो किसान अपना विरोध तेज करेंगे।

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