व्हाट एन आईडिया.. वॉट्सऐप ग्रुप से खेती सीखकर गन्ना किसान हुए लखपती

नागपूर : चीनी मंडी

आजकल देखा जाए तो, हर एक इंसान के पास स्मार्टफोन है और हर एक आदमी वॉट्सऐप से भी जुडा हैै। ज्यादातर लोग मोबाईल हो या वॉट्सऐप केवल मनोरंजन हेतू इस्तेमाल करते है, लेकिन दुनिया में कई ऐसे भी लोग है, जो इस माध्यम के इस्तेमाल से लखपती बन चुके है, जिसमें कई किसान भी शामील हैैै।महाराष्ट्र के कई किसान वॉट्सऐप ग्रुप से खेती सीखकर वे लखपती बन चुके है।

नागपुर जिले के राजेश बागल ने खेती से कमाई तिगुनी की है। उनके वॉट्सऐप ग्रुप में कई किसान हैं जो खेतीबाड़ी की आधुनिक और स्मार्ट तकनीक से जुड़े अपने अनुभव शेयर करते हैं। इस ग्रुप का नाम है- होय मी शेतकारी (हां, हम किसान हैं)। ग्रुप से जुड़कर राजेश अपने खेत में गन्ने का उतप्दान कई गुना बढाने में कामयाब रहे। विदर्भ में प्रति एकड़ 100 टन गन्ने का उत्पादन करने वाले वह पहले किसान बन गए हैं। इससे उन्हें सालाना 25 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी की है।

गौर करनेवाली बात यह है की, ये वॉट्सऐप ग्रुप केवल महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं हैं। देश के कई राज्यों के किसान भी इससे जुड़े हुए हैं और खेती की नई तकनीक को सीख रहे हैं। गन्ने का उत्पादन बढ़ाने की विधि का श्रेय कर्नाटक के एक किसान विजय को जाता है। उन्होंने पौधे लगाने का नया तरीका निकाला जिसमें पौधों की दो पंक्तियों के बीच की दूरी 4.5 फीट से 7 फीट तक रखी जाती है। इससे एक एकड़ में करीब 40 हजार हेल्दी गन्ने उपजते हैं। वॉट्सऐप ग्रुप के सदस्य रोजाना 2 से 3 घंटे किसानों के सवाल के जवाब देते हैं। वे रोज 30 से 40 फोन कॉल का जवाब देते हैं। रोजाना सुबह 5 बजे से 8 बजे तक यह सिलसिला चलता है।

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