उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में किसान गन्ना भुगतान को लेकर संतुष्ट

बागपत, 9 सितम्बर: सरकार देश के गन्ना किसानों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए तक़रीब हर माह कुछ न कुछ नए फ़ैसले ले रही है। केन्द्र द्वारा राज्यों के गन्ना किसानों की समस्याओं के निदान के लिए राजकोष से वित्तीय राशि जारी की जा रही है, ताकि राज्य सरकारें इसका उपयोग किसानों की वित्तीय स्थिति सुधारने में कर सके।

केन्द्र की पहल से प्रेरित कई राज्यों की सरकारें अपने यहाँ गन्ना किसानों की मदद के लिए गन्ना पैराई के दौरान त्वरित किसान सेवा केन्द्र चला रही है। सरकार की नीतियों का गन्ना किसानों को कितना फ़ायदा हो रहा है और सरकार के फ़ैसलों से गन्ना किसान कितने खुश है इसी कड़ी में गन्ना किसानों की स्थिति जानने के लिए हमारी टीम ने रुख़ किया उत्तर प्रदेश के बागपत जिले का। पश्चिमी यूपी का बागपत जिला गन्ना बाहुल्य है। यहाँ के किसानों से जब हमारे प्रतिनिधि ने बात की तो अधिकांश किसान गन्ना बकाया को लेकर संतुष्ट दिखे। गन्ना किसान लालाराम ने कहा कि गन्ना भुगतान समय पर हो जाने से हम स्कूलों में अपने बच्चों की फीस समय पर भर पा रहे है और घर ख़र्च भी अच्छे से चल रहा है। आम तौर पर गन्ना बकाया के भुगतान को लेकर आंदोलन करने वाले यहाँ के किसान पहली दफ़ा संतुष्ट नज़र आये। निरपरा गाँव के किसान जगराम ने कहा कि सरकार ने गन्ना किसानों के लिए बहुत सुविधांए दी है इसलिये हम ख़ुश है। पहले हमारे ट्रेक्टर चीनी मिलों के बाहर खड़े रहते थे। गन्ना पेराई सत्र में चीनी मिलों में हमारी कोई सुनने वाला नहीं था। आज चीनी मिलें समय पर पर्ची दे रही है और एक सप्ताह में हमारा गन्ना बकाया मिल गया है।

लोयन गाँव के गन्ना किसान नन्द लाल ने बताया कि बाग़पत जिले में गन्ना भुगतान की स्थिति गत वर्ष की अपेक्षा में तो अच्छी है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ सुधार क़िये जाने की ज़रूरत है। नन्द लाल ने कहा कि हमारे यहाँ गन्ना का बम्पर उत्पादन होता है। पहले की सरकारों के समय चीनी मिले अपनी मनमानी करती थी लेकिन योगी सरकार में गन्ना बकाया देने में पहले की तुलना में काफ़ी सुधार हुआ है।

जिमाना गाँव की लक्ष्मी देवी ने कहा कि हमारे खाते में तो पैसा गन्ना पैराई के दिन ही आ गया था जब हमने गन्ना मिल में डाला था उसके कुछ देर बाद मेरे मोबाइल मे संदेश आया। बेटे को दिखाया तो बोला कि गन्ना के पैसे का मैसेज है। अगले दिन बैंक गयी तो पैसा मेरे खाते मे आया हुआ था।

बागपत के डीसीओ संजय सिसोदिया ने कहा कि सरकार ने सभी चीनी मिलों को सख़्त निर्देश दिए थे कि गन्ना किसानों का बकाया समय पर चुकाया जाए। साथ में ये भी कहा गया था कि चीनी मिलें शीरा और बगास बिक्री का जो भी पैसा आता है, उसमें से 85 फ़ीसदी गन्ना किसानों के बकाया को चुकाने में ख़र्च करेगी और चीनी मिलो ने इसका पालन किया। ये सरकार की सख़्ती का ही असर है कि जिले की मलकपुर, बागपत सहकारी मिल एवं रमाला सहकारी चीनी मिलों ने न केवल समय रहते गन्ना किसानों का पूरा रुपया दिया है, बल्कि पर्ची लेने से लेकर पैराई तक मिल से जुड़ी किसानों की तमाम समस्याओं का हल करने के लिये चीनी मिलों को बाध्य भी किया है। आज सभी चीनी मिले किसानों को लेकर गंभीर है और समय पर उनका पैसा दिया जा रहा है।

बागपत सहकारी चीनी मिल के मुख्य प्रबंधक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पहले भुगतान मे देरी होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। चीनी मिलें गन्ना किसानों की हर समस्या का त्वरित समाधान कर रही है। पहले हालत खराब थे लेकिन अब वैसा नहीं है। अधिकारी ने गन्ना का मूल्य बढ़ाने की वकालत करते हुए चीनी मिलों में संसाधान, नई मशीनों के लिए वित्तीय राशि बढ़ाकर देने की भी माँग की।

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