अगर चीनी मिल बंद हुई तो गन्ना किसानों ने किया कड़ा विरोध करने का फैसला…

सांगुएम, गोवा: गोवा के इकलौती चीनी मिल के भविष्य को लेकर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है। गन्ना किसानों ने मिल बंद करने से सरकार को साफ मन कर दिया है। गन्ना किसानों ने रविवार को हुई बैठक में संजीवनी चीनी मिल को बंद करने के सरकार के किसी भी कदम का कड़ा विरोध करने का फैसला किया। किसानों ने दावा किया कि, गोवा की एकमात्र चीनी मिल बंद होने से हजारों किसानों को भारी नुकसान होगा। किसानों ने चेतावनी दी है कि, अगर सरकार उनकी मांगों के साथ खिलवाड़ करती है, तो आंदोलन किया जाएगा। सांगुएम विधायक प्रसाद गांवकर द्वारा बुलाई गई बैठक में सांगुएम और अन्य क्षेत्रों के 200 से अधिक गन्ना किसानों ने हिस्सा लिया। किसानों ने कहा कि, आंदोलन शुरू करने का फैसला 24 सितंबर को सांगुएम में होने वाली एक विशेष बैठक में लिया जाएगा।

हेराल्ड गोवा डॉट इन में प्रकाशित खबर के मुताबिक, किसानों ने सांगुएम विधायक गांवकर को पिछले कई सालों से भारी घाटे में चल रहे मिल को फिर से शुरू करने की जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया। किसानों ने कहा कि, पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर ने मिल को कृषि विभाग को सौंपने के लिए उचित योजना बनाई थी, लेकिन मिल सरकारी अधिकारियों द्वारा चलाने से संकट पैदा हो गया। अगर सरकार ने पहले इसे कृषि विभाग को सौंप दिया होता तो मिल कभी बंद नही होती। किसानों ने विधायक प्रसाद गांवकर को अगले तीन वर्षों में गन्ने की उत्पादन क्षमता 35,000 टन से बढ़ाकर 100,000 टन करने का आश्वासन दिया।

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