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अम्बाला: 5,000 से अधिक गन्ना किसानों ने गन्ना बकाया को लेकर आंदोलन शुरू करने की धमकी दी है। नरसिंहगढ़ में गन्ना उत्पादक निजी चीनी मिल के खिलाफ नाराज हैं क्योंकि उन्हें जनवरी से गन्ने का बकाया नहीं मिला है, जिसे उन्होंने चीनी मिलों को बेचा था।
रिपोर्ट के अनुसार, नरसिंहगढ़ शुगर मिल्स लिमिटेड पर 5,795 गन्ना किसानों का 105 करोड़ रुपये बकाया है।
चीनी का सीजन लगभग एक महीने पहले समाप्त हो गया है, लेकिन किसानों को अब तक उनके बकाया का भुगतान नहीं किया गया है।
किसानों की पीड़ा से अवगत कराने के लिए सोमवार को, उनके संबंधित यूनियन नेताओं के नेतृत्व में किसानों के समूहों ने नारायणगढ़ एसडीएम अदिति से मुलाकात की। जिसके बाद, एसडीएम ने मिल को 15 जून तक किसानों के भुगतान करने का आदेश दिया, जिसमे विफल रहने पर उनपर प्रशासन कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई करेगा।
नियम यह कहता है कि कारखाने के मालिकों को गन्ने की फसल सौंपने के बाद 14 दिनों के भीतर एफआरपी राशि किसानों के बैंक खातों में जमा कर दी जानी चाहिए, लेकिन मिल ऐसा करने में विफल रही है। सरकार ने चीनी मिलों के लिए सॉफ्ट लोन स्कीम सहित विभिन्न उपायों की शुरुआत की थी ताकि उन्हें बढ़ते गन्ने के बकाया को देने में मदद मिल सके। लेकिन, चीनी मिलों के अनुसार चीनी की कीमतों में गिरावट और अधिशेष चीनी के चलते वे गन्ने का बकाया चुकाने में विफल रहे है।