किसान हो रहे है डिजिटल फ्रेंडली, ऐप के माध्यम से चीनी मिल से जुड़ेंगे

करनाल: देश हर क्षेत्र में डिजिटल माध्यम में तरक्की कर रहा है। इसी के तहत गन्ना किसानों को डिजिटल फ्रेंडली बना भी जरुरी है क्यूंकि भविष्य में कृषि में डिजिटल महत्वपूर्ण योगदान निभाने वाला है। चीनी मिलें भी गन्ना किसानों को डिजिटलीकरण से अवगत करा रहे है।

करनाल सहकारी चीनी मिल के तहत पंजीकृत गन्ना किसानों को लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से मिल अधिकारियों द्वारा किसानों के लिए एक ‘गन्ना ऐप’ (Ganna App in Haryana) लॉन्च किया गया है।

द ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर के मुताबिक, अब किसान चौबीसों घंटे मिल से जुड़े रहेंगे क्योंकि उन्हें पेराई सीजन, किसानों के आने का कार्यक्रम, क्रशिंग यार्ड की स्थिति, भुगतान और अन्य विवरण के बारे में हर जानकारी ऐप के माध्यम से उनके मोबाइल फोन पर दी जाएगी। इसके अलावा, किसानों को क्षेत्र में खेती की जा रही गन्ने की किस्मों से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी मिलेगी। मिल अधिकारियों ने दावा किया कि, यह ऐप बिचौलियों को खत्म करने में मदद करेगा। इस पेराई सीजन में 2,650 गन्ना किसान मिल से जुड़े हुए हैं। 15 नवंबर से शुरू हुई इस मिल का यह 47वां सीजन है।

मिल के एमडी ने कहा, हमने अपने किसानों के लिए दो दिन पहले ‘गन्ना ऐप’ लॉन्च किया है। इसे डाउनलोड करने के बाद किसानों को पेराई सत्र और भुगतान से संबंधित हर जानकारी उनके मोबाइल फोन पर मिल जाएगी। इस ऐप का लिंक पंजीकृत किसानों के साथ साझा किया जा रहा है और वे उन्हें दिए गए पासवर्ड से लॉग इन कर सकते हैं। किसानों को ऐप फ्रेंडली बनाने के लिए उन्हें ट्रेनिंग भी दी जा रही है। उन्होंने कहा, हमने किसानों के लिए डेटा और मिल में अपनी उपज लाने के समय का एक अग्रिम कैलेंडर जारी किया है। उन्होंने आगे कहा कि गन्ना किसानों के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। मिल में किसानों के लिए रात्रि विश्राम की सुविधा उपलब्ध है। किसानों को 10 रुपये प्रति थाली में भोजन उपलब्ध कराने के लिए मिल में अटल किसान मजदूर कैंटीन का संचालन होगा।

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