तेलंगाना में गन्ने की खेती में गिरवाट; गन्ना उत्पादकों की 19 नवंबर को मीटिंग

चिक्कड़पल्ली : तेलंगाना रायथू संघम के महासचिव टी सागर ने गन्ना किसानों से 19 नवंबर को खम्मम जिले के नेलकोंडपल्ली में होने वाली राज्य स्तरीय गन्ना किसानों की बैठक में शामिल होने की अपील की है।

मीडिया से बात करते हुए टी सागर ने कहा कि तेलंगाना राज्य में गन्ने की खेती वर्ष 2019 में गत 1.1 लाख एकड़ से घटकर 53,000 एकड़ से भी कम हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने जानबूझकर राज्य में गन्ने की खेती को हतोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से प्रोत्साहन में कमी, खेती की सलाह के अभाव और उत्पादन कैसे बढ़ाएं पर रिसर्च के अभाव आदि कुछ कारक हैं जिसे खेती की एरिया कम हुई है।

उन्होंने कहा कि राज्य की कुल 11 गन्ना कारखानों में से चार कारखानों को पहले ही बंद कर दिया गया है और शेष कारखानों को पूरी क्षमता से नीचे चलाया जा रहा है। इस समय राज्य में केवल 22.76 लाख टन चीनी का उत्पादन हो रहा है। इसके और भी कम जाने की संभावना है। हालांकि केंद्र ने गन्ने का उचित मूल्य पारिश्रमिक मूल्य (एफआरपी) 275 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया, लेकिन इससे किसानों को लाभ नहीं हुआ क्योंकि इस साल रिकवरी केवल 9.5 प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत हुई।

राज्य सरकार ने भी पिछले 10 वर्षों से राज्य सलाहकार मूल्य (एसएपी) घोषित नहीं किया है। परिणामस्वरूप, गन्ने का मूल्य 3,000 रुपये प्रति टन से अधिक नहीं हुआ है। प्रेस कांफ्रेंस में तेलंगाना रायथू संघम के प्रदेश अध्यक्ष पी. रंगा रेड्डी और राज्य के नेता एम शोभन के साथ अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

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