पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की पैदावार कम

नई दिल्ली : इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने कहा कि, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की पैदावार (Sugarcane yield) इस सीजन में कथित तौर पर 5-10 फीसदी कम है। यह जानकारी ISMA ने ‘द हिन्दू बिजनेस लाइन’ को भेजे गए एक बयान में दिया है। ISMA ने यह भी कहा कि केवल कुछ जिलों में उपज 10-13 प्रतिशत कम है। ISMA के अनुसार, पश्चिमी क्षेत्र में जलजमाव और लाल सड़न संक्रमण से उपज कम हुई है।

मध्य यूपी में गन्ने की पैदावार पिछले साल के बराबर या थोड़ी कम है, जबकि पूर्वी यूपी में यह पिछले साल से बेहतर है। ISMA ने कहा कि, सैटेलाइट मैपिंग डेटा के अनुसार, यूपी में गन्ना क्षेत्र में लगभग 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ISMA ने यह भी कहा कि, यूपी के तीनों क्षेत्रों में चीनी रिकवरी बेहतर है, जिससे राज्य में चीनी उत्पादन बढ़ेगा। हमारे दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2023-24 चीनी सीजन में 120 लाख टन का उत्पादन होने की उम्मीद है, जबकि 2022-23 सीजन (डायवर्जन से पहले) के दौरान 119 लाख टन का उत्पादन हुआ था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ISMA के अनुसार, एकल किस्म CO-0238 पश्चिमी यूपी में लगभग 70 प्रतिशत और पूरे यूपी में लगभग 60 प्रतिशत गन्ना क्षेत्र को कवर करती है। प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों और CO-0238 किस्म में लाल सड़न रोग के कारण पश्चिमी यूपी के कुछ क्षेत्रों में कम उत्पादकता की ओर इशारा करते हुए, ISMA ने कहा, उत्पादकता बनाए रखने के लिए अच्छी किस्में उपलब्ध हैं। ISMA ने कहा, CO-0238 गन्ने की किस्म पूर्वी यूपी के जलजमाव वाले क्षेत्रों से लाल सड़न संक्रमण से प्रभावित हुई और साल दर साल यह पूरे राज्य में फैल गई।

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