चीनी मिल को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, 10 लाख का जुर्माना

यह न्यूज़ सुनने के लिए इमेज के निचे के बटन को दबाये

नई दिल्ली / पानीपत : चीनीमंडी

प्रदूषणकारी उद्योगों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट काफी सख्ती से पेश आ रहा है, इसीके चलते कोर्ट द्वारा प्रदूषणकारी उद्योगों पर जुर्माने के साथ साथ फटकार भी लगाई जा रही है। अब हरियाणा राज्य की पानीपत की चीनी मिल को शहर में प्रदूषण फ़ैलाने के लिए कोर्ट ने जिम्मेदार ठहराया है और उसको 10 लाख का जुर्माना जमा करने का आदेश दिया है।

चीनी मिल द्वारा वातावरण में राख का प्रदूषण फैलाने के कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने शुगर मिल पर 25 लाख का जुर्माना लगाया था। मिल प्रबंधन जुर्माने की राशि कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट गया था। सुप्रीम कोर्ट ने बिना कोई राहत दिए कहा कि पहले चार सप्ताह के अंदर 10 लाख रुपए जमा कराओ, उसके बाद याचिका पर सुनवाई होगी। कोर्ट के इस झटके के बाद उद्योग विश्व में हडकंप मच गया है।

शुगर मिल प्रबंधन से एनजीटी ने याचिकाकर्ता अमित कौशिक को हर्जाना के एक लाख रुपए देने के आदेश दिए थे। साथ ही 25 लाख रुपए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के यहां जमा कराएं। एचएसपीसीबी को भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पास ही 5 लाख जमा कराने थे। यह राशि प्रदूषण नियंत्रित करने और इस संबंध में जागरुकता पर खर्च करने थे।

सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका में शुगर मिल प्रबंधन ने दावा किया कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जरूरी उपकरण लगाए जा चुके हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 4 सप्ताह में 10 लाख जमा कराने के बाद वह प्रूफ लेकर आएं। आपको बता दें कि मिल प्रबंधन ने मार्च 2018 में भी ऐसा ही दावा किया था, लेकिन जांच में सब फेल साबित हुआ था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here