नई दिल्ली: बीस साल बाद अफगानिस्तान में फिर से तालिबान की हुकूमत है, जिसके चलते पुरे देश में उथल-पुथल का माहौल है। निर्यातकों के अनुसार, इस स्थिति से अफगानिस्तान और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार काफी प्रभावित होगा। इकोनोमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि, घरेलू निर्यातकों को अफगानिस्तान में राजनीतिक स्थिति को देखते हुए सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा की, अफगानिस्तान में बढ़ती अनिश्चितता के कारण व्यापार में गिरावट होने की संभावना है। FIEO के पूर्व अध्यक्ष और देश के प्रमुख निर्यातक एस के सराफ ने भी कहा कि, द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय गिरावट आएगी।
इसी तरह के विचार साझा करते हुए, FIEO के उपाध्यक्ष खालिद खान ने कहा कि, अफगानिस्तान में स्थिति नियंत्रण से बाहर होने के कारण एक निश्चित समय के लिए व्यापार पूरी तरह से ठप हो जाएगा। खान ने कहा, यह एक लैंड लॉक देश है और हवाई मार्ग निर्यात का मुख्य माध्यम है और यह बाधित हो गया है। अनिश्चितता कम होने के बाद ही व्यापार फिर से शुरू होगा।
आपको बता दे की, 2020-21 में द्विपक्षीय व्यापार 1.4 बिलियन अमरीकी डालर था, जबकि 2019-20 में 1.52 बिलियन अमरीकी डालर था। 2020-21 में भारत से निर्यात 826 मिलियन अमरीकी डालर और आयात 510 मिलियन अमरीकी डालर था। भारत, अफगानिस्तान से सूखे किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर, पाइन नट, पिस्ता, सूखे खुबानी और खुबानी, चेरी, तरबूज और औषधीय जड़ी-बूटियों की आयात करता हैं। वही भारत अफगानिस्तान को चीनी जैसे प्रमुख उत्पाद निर्यात करता है।
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