तमिलनाडु: नई एथेनॉल सम्मिश्रण नीति के तहत 5 हजार करोड़ निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य

चेन्नई : एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने शीरे या अनाज आधारित एथेनॉल उत्पादन क्षमता में 5,000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने के लिए एक नई एथेनॉल सम्मिश्रण नीति (Tamil Nadu Ethanol Blending Policy) पेश की। यह नीति 5 वर्ष की अवधि के लिए वैध होगी, इसका उद्देश्य राज्य को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करना है।

राज्य सरकार द्वारा 130 करोड़ लीटर की अनुमानित एथेनॉल सम्मिश्रण आवश्यकता को पूरा करने के लिए काम किया जा रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 तक राज्य की पेट्रोल आवश्यकता बढ़कर 474 करोड़ लीटर होने का अनुमान है। राज्य सरकार एथेनॉल मिश्रण के अवसरों में विस्तार के साथ-साथ चीनी उद्योग को पुनर्जीवित करके किसानों की आय में सुधार करना चाहती है। वर्तमान में, राज्य में एथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने (शीरा-आधारित) से होता है।

नई नीति के तहत राज्य मक्का, ज्वार जैसी कम पानी की खपत और बहुमुखी फसलों का फीडस्टॉक के रूप में इस्तेमाल किया जायेगा। इस फीडस्टॉक के उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जायेगा, जिससे उनके आय में भी बढ़ोतरी होगी।इसके अलावा, यह एथेनॉल उत्पादन के लिए क्षतिग्रस्त चावल का उपयोग करने के लिए उचित दिशा-निर्देश लेकर आएगा।

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