तिरुपुर: गन्ना किसानों का आरोप है की जिले के कई किसान जिन्होंने पिछले सीजन में अमरावती सहकारी चीनी मिल को गन्ने की आपूर्ति की थी, उन्हें अभी तक केंद्र द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum support price) का हिस्सा नहीं मिला है।
मदुथुकुलम के कृष्णा नगर स्थित चीनी मिल में पिछले सीजन के दौरान 1.28 लाख टन गन्ने की पेराई हुई। जबकि डिंडीगुल और इरोड जिलों में पिछले सीजन के दौरान गन्ने के कम उत्पादन के कारण पेराई को बंद करना पड़ा था।
AIKS से जुड़े तमिलनाडु विवासीगल संगम के जिला सचिव ए बाला थंडापानी ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,750 रुपये प्रति टन तय किया गया था। हालांकि, राज्य सरकार ने 2,612.50 रुपये के अपने हिस्से का भुगतान किया था, लेकिन केंद्र द्वारा अभी भी कुछ किसानों को 137.50 रुपये का हिस्सा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि चीनी मिल ने तिरुपुर जिले के किसानों से 75,000 टन गन्ने की खरीद की थी।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने पिछले जुलाई तक लगभग 50,000 टन गन्ने की राशि को हस्तांतरित कर दिया है। शेष राशि का अभी तक वितरण नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को गन्ना सप्लाई के दो सप्ताह के भीतर पैसा मिलना ही चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि वह जांच करे कि चीनी मिल में पेराई अच्छी स्थिति में है या नहीं क्योंकि पिछले सीजन में यह खराबी के कारण 28 दिनों तक बंद था।
गन्ना किसानों को आरोप अब तक नहीं मिले केंद्र से पैसे यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.