तमिलनाडु : कलिंगरायण नहर में गन्ना समेत अन्य फसलों की सिंचाई के लिए छोड़ा गया पानी

कोइम्बतुर : जिले में 15,743 एकड़ में खेती करने के लिए भवानीसागर बांध से कलिंगरायण नहर में पानी छोड़ा गया। सरकार के इस कदम से गन्ना समेत अन्य किसानों को काफी लाभ होगा। राज्य सरकार ने इरोड, मोदक्कुरिची और कोडुमुडी तालुकों में किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए 21 जुलाई से 17 नवंबर तक 120 दिनों की अवधि के लिए पानी छोड़ने का आदेश दिया था। बुधवार को कोडिवेरी एनीकट पहुंचे बांध से पानी छोड़ा गया और बाद में भवानी स्थित कलिंगरायण एनीकट पहुंचा। ए. अरुल, जयप्रकाश, अभियंता एवं दिनाकरण, सहायक अभियंता सहित जल संसाधन विभाग के अधिकारियों तथा किसानों की उपस्थिति में नहर में पानी छोड़ा गया।

नहर 91.10 किमी तक चलती है और इरोड, मोदक्कुरिची और कोडुमुडी इन तीन तालुकों में 15,743 एकड़ (6,374 हेक्टेयर) भूमि की सिंचाई करती है और किसान हल्दी, धान और गन्ने की खेती के लिए अपनी जमीन तैयार कर रहे हैं। किसानों ने कहा कि, हल्दी की खेती 60% से अधिक अयाकट क्षेत्रों में की जाएगी, जबकि गन्ने की खेती 10% से कम अयाकट क्षेत्रों में की जाएगी। सुबह 8 बजे, बांध में जल स्तर 96.42 फीट था, जबकि अधिकतम जलाशय स्तर 105 फीट था, जबकि भंडारण 32.80 टीएमसी की क्षमता के मुकाबले 26.01 टीएमसी था। प्रवाह 2,519 क्यूसेक था, जबकि अरक्कनकोट्टई और थडापल्ली नहरों में 600 क्यूसेक और कलिंगरायण नहर में 400 क्यूसेक था।
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