सातारा: चीनी मंडी
चीनी मिलों द्वारा गन्ना तौल में गडबडी करने के शिकायत के बाद जिला प्रशाशन ने 11 गन्ना तौल जांच टीमों का गठन किया है। अब यह टीमें किसी भी मिल पर अचानक छापेमारी करके गन्ना तौल की जांच करेंगी। किसान संघठनों द्वारा गन्ना तौल में गडबडी की शिकायतें मिलने के बाद यह टीम बनाई गयी हैं। ये टीमें अचानक मिलों के तौल मशीनों का निरीक्षण करने जाएंगी, और दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
जिले में गन्ना पेराई सीजन शुरू हो गया है। गन्ने को बैलगाड़ी, ट्रैक्टर-ट्राली या ट्रक के माध्यम से मिलों तक पहुँचाया जाता है। मिलों में गन्ना छोड़ने से पहले गन्ने के वाहनों का निरीक्षण किया जाता है। इन वाहनों के वजन को छोड़कर, गन्ने की मात्रा दर्ज की जाती है। स्वाभाविक रूप से, यहां दर्ज किया गया वजन अंतिम है। यहाँ गन्ना तौल करते वक्त गडबडी करने की शिकायते जिला प्रशासन को मिल रही थी।
किसान संघठनों का कहना है की, जिला प्रशासन हमेशा की तरह गन्ना वजन के निरीक्षण दस्ते को नियुक्त करता है, लेकिन टीम संबंधित मिलों में पहले से बताकर जाती है और वहां निरीक्षण करती है। स्वाभाविक रूप से, चीनी मिलों को पहले से ही इसके बारे में पता रहता है, जिससे गन्ना तौल में धांधली को पकड़ना मुश्किल होता है। इसलिए, अगर जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त टीमों ने अचानक चीनी मिलों पर छापेमारी की, तो मामला आगे आ सकता है। इसीलिए प्रभारी कलेक्टर रामचंद्र शिंदे ने जिले के ग्यारह तालुकों में तहसीलदारों के नेतृत्व में दस्ते बनाए हैं। इनमें एक पुलिस अधिकारी, चीनी आयुक्त कार्यालय का एक प्रतिनिधि, तौल विभाग का एक अधिकारी और किसान संघठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। ये दस्ते अचानक कारखानों पर छापा मारेंगे। तौल का निरीक्षण करने के बाद, यदि वे अनुचित पाए जाते हैं, तो उनपर कार्यवाही की जायेगी।
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