हरियाणा: करनाल चीनी मिल द्वारा 10 प्रतिशत चीनी रिकवरी का लक्ष्य; सात दिन में होगा गन्ने का भुगतान

करनाल, हरियाणा: पिछले कुछ वर्षों में चीनी उद्योग को अच्छे दिन देखने को मिल रहे है। केंद्र सरकार की निर्यात निति, एथेनोल उत्पादन को बढ़ावा, घरेलू और वैश्विक बाजारों में मिल रही ऊँची कीमत और साथ ही मिलों के अच्छे प्रबंधन के चलते मिलें नुकसान से फायदे में आ रही है। इस कड़ी में अब दि सहकारी चीनी मिल करनाल का नाम शुमार हो गया है। दि सहकारी चीनी मिल करनाल की ओर से अपने 14 वर्षों के संचालन में पहली बार कर्ज मुक्त हो अपनी धनराशि से ही किसानों को भुगतान किया जाएगा। अभी तक चीनी मिल सहकारी बैंक से ऋण लेकर किसानों को गन्ने का भुगतान करती थी। अब चीनी मिल ने बैंक की सीसी लिमिट को शून्य कर सरप्लस धनराशि को फिक्स डिपॉजिट कराया है। जिसका सीधा लाभ किसानों को होगा। उम्मीद जताई जा रही है कि, किसानों को अब पांच से सात दिनों के अंदर गन्ने का भुगतान कर दिया जाएगा।

अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, सहकारी चीनी मिल करनाल के प्रबंध निदेशक हितेंद्र कुमार ने कहा कि, चीनी मिल को पेराई करते 14 साल हो गए हैं। हालांकि, चीनी मिल में 3500 टीसीडी के नए प्लांट का ये तीसरा पेराई है जो 14 नवंबर को शुरू होगा। उन्होंने बताया कि अब चीनी मिल अपनी चीनी को गिरवी रखकर सहकारी बैंक से सीसी लिमिट के तहत ऋण लेकर किसानों को गन्ने का भुगतान करती थी लेकिन इस बार पहला मौका है, जबकि बैंक का पूर्ण भुगतान करके सीसी लिमिट को शून्य कर दिया गया है।

चीनी मिल ने अपनी सरप्लस आमदनी की धनराशि की एफडी कराई गई है। इस बार चीनी मिल बिना कोई कर्ज लिए, बिना अपनी चीनी गिरवी रखे, अपने दम पर किसानों को गन्ने का भुगतान करेगी। दि सहकारी चीनी मिल करनाल क्षेत्र के 128 गांवों के किसानों ने 22500 एकड़ में गन्ने की बिजाई की गई है। जिसमें 80 प्रतिशत अगैती व 20 प्रतिशत मध्यम किस्म का गन्ना है। इस पेराई सत्र में मिल द्वारा 55 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई के साथ 10 प्रतिशत चीनी रिकवरी का लक्ष्य रखा गया है। इससे किसानों को लगभग 212 करोड़ रुपये गन्ने की अदायगी के रूप में दिए जाएंगे।

शरदकालीन और बसंत कालीन बिजाई के लिए चीनी मिल में स्थापित टिश्यू कल्चर लैब में गन्ने की अलग किस्मों का शुद्ध बीज तैयार किया जाता है, जिसे किसानों को एक रुपये प्रति पौधे के हिसाब से दिया जाता है। मिल के अंदर गन्ने के बीज को बिजाई के लिए एमएचएटी मशीनों द्वारा गर्म करने के लिए किसानों को 2000 हजार रुपये बतौर खर्चे के लिए दिए जाते हैं, ताकि गन्ने में बीमारियों का प्रकोप कम हो व जिन किसानों ने शरद कालीन गन्ने की बिजाई की हुई है या अभी करनी है। वे सभी किसान हरियाणा एवं कृषि विभाग द्वारा www.agriharyana.gov.in पर गन्ने से संबंधित योजनाओं का लाभ उठा सकते है। इसके लिए 30 नवंबर तक ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता है। एमडी हितेंद्र कुमार ने कहा कि, 18 मेगावाट को-जन प्लांट से बिजली का उत्पादन होगा, जिसमें से 13 मेगावट बिजली का निर्यात होगा। इससे लगभग 22 से 25 करोड़ रुपये की मिल को अतिरिक्त आमदनी होगी।

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