देश का कृषि निर्यात 2020-21 में रहा शानदार

नई दिल्ली: वाणिज्य सचिव अनूप वाधवान ने कहा कि, कृषि निर्यात में देश ने एक नया मुकाम हासिल किया है, यह वृद्धि, केंद्र सरकार के प्रयासों के साथ-साथ नए बाजारों में उत्पादों के विस्तार से संभव हुई है। पिछले तीन वर्षों से निर्यात स्थिर रहने के बाद, 2020-21 के दौरान कृषि और संबद्ध उत्पादों का निर्यात 17.34 प्रतिशत बढ़कर 41.25 अरब डॉलर हो गया। 2017-18 और 2018-19 में, वह लगभग 38 बिलियन डॉलर के आसपास था। 2019-20 में निर्यात घटकर 35.16 बिलियन डॉलर हो गई। वाधवान ने वर्चुअल ब्रीफिंग में मीडियाकर्मियों को बताया कि, चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में निर्यात में 43 फीसदी की छलांग लगाई गई है।

उन्होनें कहा की, भारत अनाज, गैर-बासमती चावल, गेहूं, बाजरा, मक्का और अन्य मोटे अनाज के निर्यात में वृद्धि देख रहा है। भारत के कृषि उत्पादों के सबसे बड़े बाजार अमेरिका, चीन, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, नेपाल, ईरान और मलेशिया हैं। निर्यात में सबसे ज्यादा वृद्धि इंडोनेशिया (102.42 फीसदी), बांग्लादेश (95.93 फीसदी) और नेपाल (50.49 फीसदी) में दर्ज की गई है। वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव दिवाकर नाथ मिश्रा ने कहा, भारतीय अनाज की मांग 2020-21 में मजबूत थी, पहली बार कई देशों को शिपमेंट भेजा गया था, जैसे कि तिमोर-लेस्ते, प्यूर्टो रिको और ब्राजील जैसे देशों को चावल का निर्यात किया गया। इसी तरह, यमन, इंडोनेशिया और भूटान जैसे देशों में गेहूं भेजा गया था, और अन्य अनाज सूडान, पोलैंड, बोलीविया को निर्यात किए गए थे। कई देशों से अधिक स्वास्थ्य उत्पादों जैसे बाजरा, अदरक हल्दी, क्विनोआ की मांग बढ़ रही है।

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के अध्यक्ष एम अंगमुथु के अनुसार, जैविक उत्पादों की मांग में वृद्धि हुई है। जैविक निर्यात जिसमें अनाज और बाजरा, मसाले, चाय, औषधीय पौधों के उत्पाद, सूखे मेवे और चीनी जैसे उत्पाद शामिल हैं।

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