नई दिल्ली: संशोधन की मांग किए बिना, इंडियन शुगर मिल्स असोसिएशन (ISMA) ने खाद्य मंत्रालय को घरेलू बिक्री के लिए सितंबर के लिए जारी 23.5 लाख टन कोटा से चीनी मिलों पर होनेवाले संभावित प्रतिकूल प्रभाव के बारे में चिंता जताई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खाद्य सचिव को लिखे पत्र में, ISMA के अध्यक्ष आदित्य झुनझुनवाला ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में औसत वास्तविक चीनी बिक्री लगभग 22 लाख टन रही है, जबकि सरकार ने कोटा 23.5 लाख टन तय किया है।
चीनी मिलों ने सितंबर 2022 के महीने के लिए चीनी बिक्री कोटा से अधिक होने पर इस आधार पर आपत्ति जताई है कि घरेलू बाजार में अधिक चीनी बेचने से पहले से ही कमजोर कीमतों पर असर पड़ेगा और उनकी रिअलाईजैसन प्रभावित होगी।
द हिन्दू बिजनेस लाइन में प्रकाशित खबर के मुताबिक, हालांकि, सरकारी अधिकारियों ने दावा किया कि यह एक साल पहले के स्तर से कम है और त्योहार की मांग के लिए पर्याप्त है। अधिकारी ने कहा कि अक्टूबर में दशहरा और दिवाली सहित कई त्योहार आ रहे हैं, इसलिए इस महीने चीनी की मांग अधिक होगी। हालाँकि, सरकार मिलों की चिंता के प्रति सहानुभूति रखती है और बिक्री अवधि का समय कई बार बढ़ाया है ताकि वे आवंटित मात्रा को समाप्त कर सकें और यदि ऐसी स्थिति आती है, तो वह उस समय विचार करेगी।