यूपी में गन्ना बकाया भुगतान नवंबर के अंत तक किया जायेगा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

2018-19 सीजन में राज्य ने गेहूं और चावल के अलावा किसानों से मक्का और बाजरा खरीदना शुरू किया, जल्द ही राशन की दुकानों के माध्यम से बेचा जाएगा

लखनऊ : चीनी मंडी

उत्तर प्रदेश सरकार आश्वस्त है कि 30 नवंबर तक शेष 70 अरब गन्ना की देनदारियों का भुगतान किया जाएगा और अधिकांश मिलें दिवाली से पहले 2018-19 सीजन के लिए क्रशिंग शुरू कर देंगी । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा की, हमने राज्य के चीनी क्षेत्र में 55 अरब रुपये आवंटित किए हैं, जिनमें से 40 अरब रुपये किसानों को सीधे भुगतान करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सॉफ्ट लोन के रूप में होंगे। राज्य में 119 चीनी मिलों में से 62 ने 90 प्रतिशत से अधिक भुगतान किया है, जबकि 42 मिलों ने किसानों को लगभग 50-75 प्रतिशत भुगतान किया है। शेष भुगतान को नवंबर के अंत तक मंजूरी दे देंगे।

राज्य के पश्चिमी हिस्से में लंबित गन्ना बकाया एक प्रमुख मुद्दा

उत्तर प्रदेश के किसानों के साथ विशेष रूप से राज्य के पश्चिमी हिस्से में लंबित गन्ना बकाया एक प्रमुख मुद्दा रहा है। पिछले महीने, पश्चिम यूपी के हजारों किसान अपनी मांगों के लिए दिल्ली की ओर बढ़ रहे थे, जिनमें से एक गन्ना की देनदारियों की तेजी से मंजूरी की प्रमुख मांग शामिल थी । सी रंगराजन फार्मूला के तहत गन्ना के राज्य सलाहकार मूल्य (एसएपी) को तोड़ने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि, राज्य सरकार गन्ना उत्पादकों के हित को चोट पहुंचाने की कोशिश कभी नहीं करेगी।

170 नए गुढ़ और खांडसरी इकाइयों को लाइसेंस जारी

उन्होंने कहा कि 2018-19 सीजन में, राज्य सरकार ने लगभग 170 नए गुढ़ और खांडसरी इकाइयों को लाइसेंस जारी किए हैं और उन्हें अधिकांश प्रतिबंधों से मुक्त कर दिया है, जो गन्ना किसानों को अपनी उपज बेचने का विकल्प भी प्रदान करेंगे। राज्य में गन्ना क्षेत्र 6.4 मिलियन हेक्टर से बढ़कर 11.6 मिलियन हो गया है, जिससे राज्य में अभूतपूर्व उत्पादन अधिशेष बढ़ रहा है, जो कई विशेषज्ञों का मानना है कि, जल्द ही नीचे जाने की उम्मीद नहीं है।

किसानों से मक्का और बाजरा की खरीद शुरू

आदित्यनाथ ने कहा की, 2018-19 सीजन से राज्य सरकार ने गेहूं और चावल के अलावा किसानों से मक्का और बाजरा की खरीद शुरू कर दी है, जो जल्द ही राशन की दुकानों के माध्यम से बेचा जाएगा। 2016-17 में, सत्ता में आने के बाद, 3.7 लाख मेट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई। 2017-18 में इसे 5.3 मिलियन टन तक बढ़ा दिया गया था, जबकि इसी अवधि के दौरान 4.2 मिलियन टन धान खरीदा गया था।

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