लखनऊ: चीनी मंडी
एफआरपी बकाया भुगतान, घट रही पैदावार, फसल लागत का दिनोंदिन बढता खर्चा और आमदनी में कटौती से परेशान गन्ना किसानों की तकदीर जल्द ही बदलने के आसार दिख रहे है। वैज्ञानिकों ने गन्ने कि तीन एैसी किस्मों की खोज की है, जिससे किसानों को मुनाफा होेने की काफी संभावना है। को.से. 13235, को.से. 13452 और को.से. 10239 यही वो तीन किस्में विकसित की गई है। खबरों के मुताबिक इन तीनों ही किस्मों में कीट और रोगों के प्रकोप शून्य है।
शाहजहांपुर के गन्ना शोध संस्थान द्वारा लगातार 10 साल तक की गई मेहनत रंग ला रही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस रिसर्च से गन्ना किसानों और चीनी मिलों को बड़ी राहत मिलेगी। शाहजहांपुर के गन्ना शोध संस्थान द्वारा जिन गन्ने की तीन नई किस्मों की खोज की गई है। उसमें खास बात यह है कि रोगमुक्त तीनों ही गन्ने की किस्में चीनी की अच्छी रिकवरी देगी, साथ ही हर तरह की मिट्टी में गन्ने की किस्में उगाई जा सकती है।
…क्या खासियत है…
को.से 13452: यह मध्यम देर से पकने वाला गन्ना है. 86 से 95 टन प्रति हेक्टेयर इसकी पैदावार होगी। को.से 13235: किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है, क्यूंकि यह शीघ्र पकने वाला गन्ना है। इसकी उपज 81 से 92 टन प्रति हेक्टेयर है। को.से 10239: यह मध्यम देर से पकने वाला गन्ना है। जल भराव की स्थिति में इसकी पैदावार 63 से 79 टन प्रति हेक्टेयर होती है. बंजर जमीन पर इसकी पैदावार 61 से 70 टन पाई गई है।
एक निजी चैनल से बातचीत में, इस बारे में शाहजहांपुर के गन्ना शोध संस्थान के डायरेक्टर डॉक्टर ज्योत्सनेंद्र सिंह ने कहा कि यह तीन नई किस्मों की खासियत यह है की रोगमुक्त तीनों ही गन्ने की किस्में चीनी की रिकॉर्ड तोड़ रिकवरी देगी साथ ही हर तरह की मिट्टी में गन्ने की किस्में उगाई जा सकेगी।
Doiwala chini mill kisano ka bakaya ganna ka payments kab dega,??
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