कोल्हापुर: चीनी मंडी
जिला कलेक्टर दौलत देसाई ने उन मिलरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी, जो बाढ़ से क्षतिग्रस्त गन्ने की फसल की पेराई में नाकाम होंगें। जिलाधिकारी देसाई के निर्देशों के बावजूद कई सारी मिलों ने बाढ़ग्रस्त गन्ना कटाई में कोताही बरती है, जिसके चलते इसका जायजा लेने के लिए बुधवार (29 जनवरी) को जिल्हा अधिकारी कार्यालय में दोपहर 12 बजे चीनी मिलर्स की बैठक का आयोजन किया गया है।
जिले में गन्ना पेराई सत्र की शुरुआत से पहले, किसान संगठनों ने मांग की थी कि, मिलर्स को बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त हुई फसलों को पहले पेराई कर देना चाहिए। इसके बाद, देसाई ने कोल्हापुर जिले के मिलरों की एक बैठक बुलाई थी और उन्हें पहले क्षतिग्रस्त फसल को पेराई करने के लिए कहा था। इतना ही नही उन्होंने उन्हें दो सप्ताह में खराब हुई फसल की पेराई पूरी करने को कहा था और फिर अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले अच्छे गन्ने की पेराई शुरू करने के निर्देश दिए थे। मिलर्स भी उसके निर्देशों का पालन करने के लिए तैयार हो गए थे। हालांकि, दो महीने के बाद, फिर एक बार बाढ़ से क्षतिग्रस्त गन्ने के पेराई की बात सामने आई है।
आपको बता दे, स्वाभिमानी शेतकरी संगठन (एसएसएस) ने जिले में चीनी मिलों को बंद करने की धमकी दी है यदि जनवरी के अंत से पहले बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गन्ना नहीं काटा जाता है तो। संघठन के प्रदेश अध्यक्ष जालिंदर पाटिल ने कहा था की बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गन्ना काटने में देरी से इसकी रिकवरी बुरी तरह प्रभावित हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप किसानों को काफी वित्तीय नुकसान हुआ है।
पिछले साल नवंबर में, कलेक्टर ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गन्ना कटाई को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और यह काम 21 जनवरी तक पूरा होना चाहिए। हालांकि, बाढ़ग्रस्त किसानों की शिकायत रही है कि उनका गन्ना अभी भी खेत में खड़ा है।
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