भारत ऊर्जा सप्ताह में ट्रूएल्ट बायोएनर्जी द्वारा जैव ईंधन क्षेत्र के लिए नए मानक स्थापित

नई दिल्ली : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में बेंगलुरु में भारत ऊर्जा सप्ताह 2023 के दौरान राष्ट्र के लिए महत्वाकांक्षी ई20 एथेनॉल सम्मिश्रण लक्ष्य का प्रारंभ किया। यह निर्णय भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर है और इसका अर्थव्यवस्था, किसानों और पर्यावरण पर व्यापक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

भारत की सबसे बड़ी बायोफ्यूल कंपनी और एशिया में एथेनॉल की सबसे बड़ी उत्पादक ट्रूएल्ट बायोएनर्जी अपने प्रबंध निदेशक विजय निरानी के नेतृत्व में अपने वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल के साथ उपस्थित थी। एशिया में एथेनॉल के प्रमुख उत्पादक के रूप में ट्रूएल्ट बायोएनर्जी ने बड़ा योगदान दिया है, और वे पहले से ही इस लक्ष्य को प्राप्त कर चुके है।ट्रूएल्ट बायोएनर्जी ने स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों का तहे दिल से समर्थन दिया है।

ई20 एथेनॉल लॉन्च के दौरान पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे। उद्घाटन समारोह में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने टिकाऊ भविष्य की दिशा में भारत की यात्रा में ट्रूएल्ट बायोएनेर्जी और विजय निरानी के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार का यह निर्णय नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने और विदेशी तेल पर देश की निर्भरता को कम करने और इस प्रकार बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा की बचत करने के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता दिखाता है। साथ ही इससे भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा और कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

टाइम्स नाउ से बात करते हुए, एमआरएन ग्रुप के प्रबंध निदेशक, विजय निरानी ने कहा, एथेनॉल न केवल हमारे देश बल्कि पूरे ग्रह के लिए एक गेम चेंजर है। जबकि ऊर्जा के स्वच्छ और हरित रूपों के उत्पादन के बारे में बहुत सारी बातें हुई हैं, एथेनॉल और इसी तरह के जैव ईंधन ने इसे एक वास्तविकता बना दिया है। भारत सरकार द्वारा दूरदर्शी नीतियों और सक्रिय कदमों के चलते हमें विश्वास है कि भारत जैव ईंधन उत्पादक के रूप में वैश्विक लीडर के रूप में उभरेगा।

विजय निरानी ने कहा, एथेनॉल के उपयोग का पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। एथेनॉल पारंपरिक जीवाश्म ईंधन की तुलना में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करता है। यह जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और भारत के लिए एक स्थायी भविष्य को बढ़ावा देने में मदद करेगा। इसके अलावा, एथेनॉल का उत्पादन करने के लिए उपयोग की जाने वाली फसलों की बढ़ती मांग कृषि क्षेत्र को बहुत जरूरी बढ़ावा देगी, जिससे किसानों की आजीविका में भी सुधार होगा।

उन्होंने कहा, हालाकि E20 एथेनॉल सम्मिश्रण लक्ष्य को प्राप्त करने में काफी चुनौतियों ला सामना करना पड़ेगा।बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाना होगा। वर्तमान में, भारत प्रति वर्ष लगभग 4 बिलियन लीटर एथेनॉल का उत्पादन करता है, जो E20 लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक 20 बिलियन लीटर से बहुत कम है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए, उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने के लिए नई तकनीकों के विकास के साथ-साथ एथेनॉल उत्पादन उद्योग में महत्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता होगी।

इन चुनौतियों के बावजूद, E20 एथेनॉल सम्मिश्रण लक्ष्य भारत के लिए एक विशाल अवसर प्रदान कर रहा है। ईंधन के रूप में एथेनॉल के उपयोग से आयातित तेल पर देश की निर्भरता कम होगी, जिससे इसका विदेशी मुद्रा व्यय कम होगा। इससे भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा और कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी। एथेनॉल का उत्पादन करने के लिए उपयोग की जाने वाली फसलों की बढ़ती मांग कृषि क्षेत्र को बहुत जरूरी बढ़ावा देगी, जिससे किसानों की आजीविका में सुधार होगा।

प्रधान मंत्री मोदी द्वारा निर्धारित E20 एथेनॉल सम्मिश्रण लक्ष्य भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। एशिया में एथेनॉल के सबसे बड़े उत्पादक के रूप में ट्रूएल्ट बायोएनर्जी इस पहल में सबसे महत्वपूर्ण योगदानकर्ता होगा और भारत में स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देगा। इस निर्णय से अर्थव्यवस्था, किसानों और पर्यावरण को बहुत लाभ होगा और भारत को बायोएनेर्जी क्षेत्र में अग्रणी के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी। आगे की चुनौतियाँ महत्वपूर्ण हैं, लेकिन संभावित लाभ बहुत अधिक हैं। सरकार, निजी क्षेत्र और भारत के लोगों के समर्थन से, E20 एथेनॉल सम्मिश्रण लक्ष्य हासिल किया जाएगा और देश के लिए एक उज्ज्वल और अधिक टिकाऊ भविष्य बनाने में मदद मिलेगी।

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