महाराष्ट्र में दो चीनी मिलों द्वारा गन्ना पेराई बंद

पुणे: वर्तमान में महाराष्ट्र में पेराई सत्र चरम पर है, लेकिन गन्ना अनुपलब्‍धता और गन्ना कटाई के लिए श्रमिकों की कमी के कारण चीनी मिलों पर इसका प्रभाव पड़ रहा है। महाराष्‍ट्र चीनी आयुक्‍त के मुताबिक अहमदनगर और औरंगाबाद जिले में स्थित दो चीनी मिलों ने अपना परिचालन बंद कर दिया है, इसके पीछे वजह गन्ना कटाई के लिए श्रमिकों की अनुपलब्‍धता और गन्‍ने की कम अनुपलब्धता है।

खबरों के मुताबिक, केदारेश्वर सहकारी चीनी मिल (अहमदनगर) और शरद – पैठण सहकारी चीनी मिल (औरंगाबाद) ने पेराई सीजन खत्म कर दिया है।

ISMA के मुताबिक, महाराष्‍ट्र में 137 चीनी मिलें परिचालन में हैं और उन्‍होंने 31 दिसंबर तक 16.50 लाख टन चीनी का उत्‍पादन किया है। पिछले साल समान अवधि में यहां 187 मिलें चालू थी और उन्‍होंने कुल 44.57 लाख टन चीनी का उत्‍पादन किया था। सत्र की शुरुआत से और 31 दिसंबर, 2019 तक, राज्य में औसत चीनी की रिकवरी 10 प्रतिशत के बराबर है, जबकि 2018-19 की इसी अवधि के लिए प्राप्त 10.5 प्रतिशत थी। ऐसा इसलिए है क्योंकि पेराई में बाढ़ प्रभावित गन्ना भी शामिल है, जिसमे सुक्रोज की मात्रा कम हो गई है क्यूंकि यह बाढ़ के कारण कुछ समय तक जलमग्न था।

इस बार महाराष्ट्र में बाढ़ और सूखे के कारण गन्ना उत्पादन पर काफी असर पड़ा है और साथ ही साथ, राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता के कारण गन्ना पेराई सत्र में देरी हुई है। महाराष्ट्र में चीनी मिलों ने राज्य के राज्यपाल बीएस कोश्यारी से अनुमति मिलने के बाद आधिकारिक तौर पर गन्ना पेराई सीजन शुरू कर दिया था। राज्यपाल ने 22 नवंबर को आधिकारिक रूप से सीजन शुरू करने की अनुमति दी थी। देरी से सीजन शुरू होने के कारण चीनी उत्पादन में काफी गिरावट देखि जा सकती है।

यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here