केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने रसोई गैस मूल्‍य निर्धारण के संशोधित दिशा-निर्देशों को स्‍वीकृति दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने ओएनजीसी/ओआईएल के नामांकन क्षेत्रों, नई अन्वेषण लाइसेंसिंग नीति (एनईएलपी) ब्लॉकों और पूर्व-एनईएलपी ब्लॉकों से उत्पादित गैस के लिए संशोधित घरेलू प्राकृतिक गैस मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी है। प्राकृतिक गैस की कीमत भारतीय क्रूड बास्केट के मासिक औसत का 10 प्रतिशत होगा और मासिक आधार पर अधिसूचित किया जाएगा। ओएनजीसी और ओआईएल द्वारा उनके नामांकन ब्लॉकों से उत्पादित गैस के लिए प्रशासित मूल्य निर्धारण तंत्र (एपीएम) मूल्य एक न्यूनतम और उच्चतम सीमा के अधीन होगा। ओएनजीसी और ओआईएल द्वारा उनके नामांकन ब्लॉकों से उत्पादित गैस के लिए प्रशासित मूल्य निर्धारण तंत्र (एपीएम) मूल्य एक न्यूनतम और उच्चतम सीमा के अंतर्गत होगा। ओएनजीसी और ओआईएल के नामांकन क्षेत्रों में नए कुओं या कुओं से उत्पादित गैस को एपीएम मूल्य से 20 प्रतिशत प्रीमियम दिया जाएगा। इस पर विस्तृत अधिसूचना अलग से जारी की जा रही है।

नए दिशानिर्देशों का उद्देश्य घरेलू गैस उपभोक्ताओं के लिए स्थिर मूल्य निर्धारण व्यवस्था सुनिश्चित करना है, साथ ही उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन के साथ उत्पादकों को बाजार के प्रतिकूल उतार-चढ़ाव से पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करना है।

सरकार का लक्ष्य 2030 तक भारत के प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी मौजूदा 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करना है। ये सुधार प्राकृतिक गैस के उपयोग को बढ़ाने में मदद करेंगे और उत्सर्जन को नेट जीरो तक कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देंगे।

ये सुधार केंद्र सरकार द्वारा शहरी गैस आपूर्ति क्षेत्र के लिए घरेलू गैस आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि करके और भारत में गैस की कीमतों पर अंतर्राष्ट्रीय गैस मूल्य वृद्धि के प्रभाव को कम करके उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए की गई विभिन्न पहलों का एक सिलसिला है।

इन सुधारों से घरों में पाइप्ड नेचुरल गैस और ट्रांसपोर्टेशन के लिए कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) की लागत में काफी कमी आएगी। घटी हुई कीमतों से उर्वरकों पर सब्सिडी का बोझ भी कम होगा और घरेलू बिजली क्षेत्र को मदद मिलेगी। न्यूनतम गैस कीमतों के प्रावधान के साथ-साथ नए कुओं के लिए 20 प्रतिशत प्रीमियम का प्रावधान ओएनजीसी और ओआईएल को अपस्ट्रीम क्षेत्र में अतिरिक्त दीर्घकालिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा जिससे प्राकृतिक गैस का उच्च उत्पादन होगा और परिणामस्वरूप जीवाश्म ईंधन पर आयात निर्भरता कम होगी। संशोधित मूल्य निर्धारण दिशानिर्देश गैस आधारित अर्थव्यवस्था के विकास के माध्यम से कार्बन फुटप्रिंट्स में कमी को भी प्रोत्साहित करेंगे।

वर्तमान में घरेलू गैस की दरें नए घरेलू गैस मूल्य दिशानिर्देश, 2014 के अनुसार तय की जाती हैं, जिसे 2014 में सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था। 2014 के मूल्य निर्धारण दिशानिर्देश में हेनरी हब, अल्बेना, नेशनल बैलेंसिंग पॉइंट (यूके) और रूस जैसे चार गैस व्यापारिक केंद्रों पर प्रचलित कीमतों के आधार पर छह महीने की अवधि के लिए घरेलू गैस की कीमतों की घोषणा के लिए प्रावधान किया गया है।

इस युक्तिकरण और संशोधन की आवश्यकता महसूस की गई क्योंकि चार गैस हब पर आधारित पहले के दिशानिर्देशों में महत्वपूर्ण अवधि और बहुत अधिक अस्थिरता थी। संशोधित दिशानिर्देश कच्चे तेल की कीमतों से संबंधित हैं, जो अब अधिकांश उद्योग अनुबंधों में देखे जाते हैं, जो हमारे उपभोक्ता उपयोग के साथ अधिक एकीकृत हैं और वास्तविक समय के आधार पर वैश्विक व्यापार बाजारों में अधिक तरलता रखते हैं। अब जबकि इन बदलावों को मंजूरी दे दी गई है, पिछले महीने के लिए भारतीय क्रूड बास्केट मूल्य डेटा एपीएम गैस की कीमत निर्धारित करने का आधार होगा।

(Source: PIB)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here