केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह कल नई दिल्ली में जेम पोर्टल पर सहकारी समितियों की मौजूदगी को ई-लॉन्च करेंगे। सहकारिता मंत्रालय (भारत सरकार), एनसीयूआई और जेम द्वारा आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) के अध्यक्ष श्री दिलीप संघानी भी उपस्थित रहेंगे। इस ई-लॉन्च के साथ ही सभी पात्र सहकारी समितियां जेम पोर्टल पर ऑर्डर देना शुरू कर सकेंगी। हाल ही में सहकारिता मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में जेम पर सहकारिताओं की मौजूदगी को सुगम बनाने, जेम के अधिकारियों के साथ समन्वय करने और इस मौजूदगी की प्रक्रिया में सहकारी समितियों का मार्गदर्शन करने के लिए एनसीयूआई को नोडल या प्रमुख एजेंसी बनाया था।
एनसीयूआई ने 100 करोड़ रुपये के टर्नओवर/जमा राशि वाली सहकारी समितियों की एक सूची तैयार की है और जेम पर इनकी मौजूदगी (ऑनबोर्डिंग) प्रक्रिया शुरू करने के लिए यह जानकारी जेम को अग्रेषित कर दी है। 589 सहकारी समितियों को जेम पर मौजूदगी के लिए योग्य पात्र के रूप में चुना गया है। एनसीयूआई ने सभी सहकारी संघों को पत्र लिखा है और क्षेत्रवार राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय सहकारी संघों और पात्र सहकारी समितियों की वर्चुअल बैठकें आयोजित की हैं, ताकि उन्हें जेम पोर्टल के लाभों से अवगत कराया जा सके। एनसीयूआई और जेम अधिकारियों के एक संयुक्त कार्यबल का गठन किया गया है जो अलग-अलग सहकारी समितियों को जेम पर मौजूदगी और पंजीकरण के लिए मार्गदर्शन करने का आग्रह करने के लिए कॉल/मेल करेंगे। सहकारी समितियों को पूरी प्रक्रिया में मदद करने के लिए एनसीयूआई में जेम तकनीकी टीम की एक हेल्पडेस्क स्थापित की गई है।
केंद्र और राज्य सरकारों के विभागों/मंत्रालयों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू), इत्यादि को पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से सामान्य उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं हेतु एक संपूर्ण ऑनलाइन मार्केटप्लेस प्रदान करने के लिए ‘जेम’ को राष्ट्रीय खरीद पोर्टल के रूप में स्थापित किया गया है। अभी तक जेम को इस प्लेटफॉर्म पर खरीदारों के रूप में सहकारी समितियों के पंजीकरण के लिए सक्षम नहीं किया गया था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गत 1 जून को जेम के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए सहकारी समितियों को अनुमति देने के लिए जेम का दायरा बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। सहकारी समितियों को न केवल एक खुली और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिस्पर्धी मूल्य मिलेंगे, बल्कि वे एकल प्लेटफॉर्म पर देश भर में उपलब्ध लगभग 45 लाख प्रमाणित विक्रेताओं/सेवा प्रदाताओं से भी खरीद सकती हैं। इसके अलावा, इससे सहकारी समितियों के समय की काफी बचत होगी और उनकी प्रशासनिक लागत में कमी आएगी।
‘जेम’ पर सहकारी समितियों/बैंकों की मौजूदगी (ऑनबोर्डिंग) चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। प्रथम चरण में नवीनतम अंकेक्षित वित्तीय विवरण के अनुसार 100 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर/जमा राशि और ए ग्रेड ऑडिटिंग वाली सहकारी समितियों/बैंकों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए चुना गया है।
(Source: PIB)