मध्य प्रदेश: बेमौसम बारिश से गेहूं की खेती को बढ़ावा मिलेगा

विभाग के विशेषज्ञों और अधिकारियों ने कहा कि नवंबर में रविवार को क्षेत्र के कई हिस्सों में हुई बेमौसम बारिश से विकास में सहायता और प्रति हेक्टेयर पैदावार को बढ़ावा देकर गेहूं की चल रही बुआई को फायदा होने की संभावना है।

राज्य कृषि विभाग के अनुसार, गेहूं की बुआई नवंबर के तीसरे सप्ताह से शुरू होती है और इंदौर और उज्जैन जिलों में 60 प्रतिशत से अधिक बुआई पूरी हो चुकी है।

केसी शर्मा, प्रमुख वैज्ञानिक और प्रमुख, आईसीएआर-आईएआरआई, क्षेत्रीय स्टेशन, इंदौर ने कहा, “यह बारिश गेहूं के लिए चमत्कार करेगी। बारिश विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगी और तापमान में कमी लाएगी जिससे उस फसल को फायदा होगा जो अपने शुरुआती विकास चरण में है।”

भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार मध्य प्रदेश में लगभग 65 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती की जाती है। राज्य कृषि विभाग के अनुसार, इंदौर और उज्जैन जिलों में किसानों द्वारा इस सीजन में 11 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर गेहूं बोने की उम्मीद है। गेहूं की फसल को उचित विकास के लिए बुआई के शुरुआती 60 दिनों के दौरान कम तापमान और पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है। किसानों का कहना है कि बेमौसम बारिश से जल्दी बोई गई गेहूं की फसल को फायदा होगा, जिसकी बुआई नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू हो चुकी है।

 

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