सरकार ने गन्ना घटतौली की कुप्रथा को खत्म करने के लिए उठाये कदम

लखनऊ: आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, उ.प्र. श्री संजय आर.भूसरेड्डी द्वारा अवगत कराया गया है कि पेराई सत्र के दौरान गन्ना क्रय केन्द्रों पर तौल कार्य हेतु तैनात होने वाले मिल एवं समिति तौल लिपिकों को नौ अंकीय यूनिक कोड आंवटित किये जाने के आदेष निर्गत किये गये थे, जिसके अनुपालन में परिक्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा सम्बन्धित चीनी मिलों के लाइसेंस धारक तौल लिपिकों को यूनिक कोड आवंटित करते हुए चीनी मिलों को भी अवगत कराया जा चुका है। इसी क्रम में विभाग में संचालित ई.आर.पी. के माध्यम से तौल लिपिकों का पाक्षिक स्थानान्तरण कराये जाने का भी निर्णय लिया गया है।

घटतौली की कुप्रथा को पूर्णतः समाप्त करने हेतु प्रथमबार ई.आर.पी. के माघ्यम से तौल लिपिकों के रेन्डमली स्थानान्तरण किये जा रहे हैं। स्थानान्तरण इस प्रकार किये जायेंगे कि किसी भी तौल लिपिक को एक ही क्रय केन्द्र पर पेराई सत्र के दौरान एक से अधिक बार तैनाती न मिले। प्रत्येक तौल लिपिक को एक आई.डी. कार्ड अपने गले में पहनना अनिवार्य कर दिया गया है, जिसमें तौल लिपिक का फोटो, लाइसेन्स नम्बर, यूनिक आई.डी. नम्बर, नाम, पिता का नाम, मोबाइल नम्बर व चीनी मिल का नाम दर्ज होगा। इस प्रकार तौल व्यवस्था में पूर्ण पारदर्षिता आयेगी।

ई.आर.पी. के माध्यम से स्थानान्तरित होने वाले तौल लिपिकों को स्थानान्तरण पश्चात् अनिवार्य रूप से सम्बन्धित क्रय केन्द्र पर योगदान प्रस्तुत करना होगा। जिन चीनी मिलों तथा तौल लिपिकों द्वारा इसकी अवहेलना की जायेगी, उनके विरूद्व उ.प्र. गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम 1953 एवं उ.प्र. गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) नियमावली 1954 के अन्तर्गत कार्यवाही सुनिष्चित की जायेगी। इस व्यवस्था से तौल लिपिकों के तैनाती में पारदर्षिता आयेगी तथा तौल लिपिकों की तैनाती में स्थानीय स्तर पर दबाव कम होगें।

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