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प्रदेश के गन्ना किसानों के सर्वांगीण विकास एवं आगामी वर्षों में गन्ने की खेती की लागत में कमी लाने और गन्ना किसानों की आय दोगुनी किये जाने के मा. मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ की अपेक्षा के क्रम में विभागीय मंत्री मा. सुरेश राणा ने विभाग में संचालित विकास योजनाओं के अन्तर्गत मृदा स्वास्थ्य कार्ड में की गई संस्तुतियों के आधार पर ही खेतों में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों /खाद/उर्वरक का प्रयोग किये जाने के निर्देष दिये है। प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना विभाग में संचालित योजनाओं के अन्तर्गत शत—प्रतिशत मृदा स्वास्थ्य कार्ड की रिपोर्ट के अनुसार ही गन्ना किसानों को उर्वरकों का वितरण सुनिश्चित किया जायेगा। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड का इस्तेमाल मृदा की मौजूदा स्वास्थ्य का आकलन करने में किया जाता है। कुछ समय तक इस्तेमाल हो जाने के बाद इस कार्ड के जरिए मृदा की स्वास्थ्य में हुए बदलावों का पता लगाया जाता है क्योंकि भूमि के प्रबंधन से इसकी स्वास्थ्य प्रभावित होती है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड में मृदा स्वास्थ्य के संकेतकों और उससे जुड़ी शब्दावली का ब्यौरा होता है। ये संकेतक किसानों के व्यावहारिक अनुभवों और स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों के ज्ञान पर आधारित होते है। इस कार्ड में ऐसे मृदा स्वास्थ्य संकेतकों का ब्यौरा होता है जिनका आकलन तकनीकी अथवा प्रयोगशाला उपकरणों की सहायता के बिना ही किया जा सकता है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड की योजना के उद्देश्य की पूर्ति तथा गन्ना किसानों के बीच जागरूकता के लिये विभाग द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं मृदा परीक्षण सम्बन्धी जानकारी के व्यापक प्रचार प्रसार हेतु निर्देष जारी किये गये है।