खाद्यान्न प्रबंधन में अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग करें: पीयूष गोयल

केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, कपड़ा तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश क्षेत्र के भारतीय खाद्य निगम के संचालन की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि खाद्यान्न प्रबंधन एवं गुणवत्ता नियंत्रण में अधिक पारदर्शिता लाने तथा मानवीय हस्तक्षेप को न्यूनतम करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करें।

श्री पीयूष गोयल ने भारतीय खाद्य निगम की कार्यप्रणाली को और अधिक कुशल तथा आधुनिक बनाने के लिए सभी अधिकारियों से अपने-अपने सुझाव भेजने का आग्रह किया। उन्होंने एफसीआई के अधिकारियों को खाद्यान्न प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का अधिकतम उपयोग करने और सीमित भूमि क्षेत्र में उच्च क्षमता वाले गोदामों को तैयार करने के लिए बेहतर डिजाइन का सुझाव देने का भी निर्देश दिया।

केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री ने गेहूं और धान की खरीद से संबंधित मुद्दों की भी समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि भारतीय खाद्य निगम को सभी राजस्व जिलों को कवर करते हुए अधिक संख्या में सरकारी खरीद केंद्र खोलने चाहिए ताकि किसानों के पास अपनी उपज एफसीआई या किसी अन्य एजेंसी को बेचने के अधिक विकल्प उपलब्ध हों। उन्होंने उत्तर प्रदेश के सरकारी खरीद केंद्रों पर ई-पीओपी मशीन के उपयोग की सराहना की। श्री गोयल ने सलाह दी कि किसानों से खरीद प्रणाली में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए अन्य राज्यों में भी इसी प्रणाली को लागू किया जाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने उत्तर प्रदेश की खाद्य मांग, जनसंख्या और विशाल भौगोलिक क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए निर्देश दिया कि गेहूं के बाजार मूल्य को नियंत्रित करने के उद्देश्य से खुले बाजार बिक्री योजना में अधिक मात्रा में गेहूं की पेशकश की जाए।

राज्य में भंडारण क्षमता की समीक्षा करते हुए श्री गोयल ने कहा कि एफसीआई के स्वामित्व वाले और किराए के सभी गोदाम भी उच्चतम स्तर के ही होने चाहिए। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि खराब स्तर के सभी गोदामों को आवश्यक मरम्मत करवाकर तुरंत अपग्रेड किया जाना चाहिए अन्यथा उन्‍हें किराए पर लेने पर विचार किया जाना चाहिए।

(Source: PIB)

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