लखनऊ: राज्य सरकार इथेनॉल प्लांट मंजूरी के लिए एकल खिड़की योजना (सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम) पर काम कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रणाली के तहत आवेदनों को 15 दिनों के भीतर मंजूरी देनी होगी, ऐसा नहीं करने पर इसे स्वीकृत माना जाएगा। केंद्र सरकार के इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल प्रोग्राम के तहत राज्य में इथेनॉल निर्माण को बढ़ावा देने के निर्देश जारी किए गए हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, पर्यावरण विशेषज्ञों का हवाला देते हुए, एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि पेट्रोल के साथ मिश्रित इथेनॉल कार्बन मोनोऑक्साइड प्रदूषण को 35% तक कम कर सकता है। केंद्र सरकार ने 2030 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रख रहा है। पिछले साल 2022 तक 10% का लक्ष्य रखा गया था।
योगी सरकार गन्ने और अनाज से इथेनॉल के निर्माण को भी बढ़ावा दे रही है। इसके तहत गन्ने से इथेनॉल उत्पादन की 54 परियोजनाओं को हाथ में लिया गया है, साथ ही चावल, गेहूं, जौ, मक्का और ज्वार से इथेनॉल बनाने की सात परियोजनाओं को भी शामिल किया गया है। इनमें से गन्ना से संबंधित 27 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं जबकि शेष सितंबर के अंत तक पूरी हो जाएंगी। चावल, गेहूं, जौ, मक्का और ज्वार से इथेनॉल से संबंधित परियोजनाएं अगले कुछ महीनों में शुरू हो जाएंगी।