लाहौर: पाकिस्तान में जल संकट और भी बदतर हो गया है। सबसे बुरी तरह प्रभावित काबुल नदी है, जिसकी आपूर्ति 10 साल के औसत 41,200 क्यूसेक की तुलना में केवल 16,700 क्यूसेक है। झेलम और चिनाब नदियों का भी काबुल नदी के समान ही हश्र हुआ है, आपूर्ति में नाटकीय रूप से गिरावट आई है। पंजाब सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि, पानी की कमी पंजाब को “अगले पांच से सात दिनों में” और सिंध को “10 से 12 दिनों” तक प्रभावित करेगी, जिससे कपास, गन्ना जैसी फसलों की बुवाई प्रभावित होगी।
अभी कई इलाकों में गन्ना, गेहूं और कपास की बुवाई के लिए पानी नहीं है। Dawn अखबार ने बताया कि, जल संकट के चलते फरवरी से अप्रैल के महीनों के दौरान फसलों की एक विस्तृत श्रृंखला को नुकसान होना तय है। वित्तीय स्थिति और भूख संकट से बचने के लिए पाकिस्तान के लिए नए जलाशयों का निर्माण ही एकमात्र उपाय बचा है।