भारत द्वारा चीनी निर्यात को लगेगा प्रतिबंध?

नई दिल्ली: ब्राजील में कम उत्पादन के कारण 2021-22 सीजन में दुनिया की चीनी आपूर्ति कम होने की उम्मीद है। जबकि भारत गन्ने की रिकॉर्ड मात्रा का गवाह बनने की संभावना के बावजूद, एथेनॉल सम्मिश्रण निति की दिशा में बाजार से 30 लाख टन चीनी के बराबर गन्ना एथेनॉल उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। जिसके परिणामस्वरूप देश में लगभग 31 मिलियन टन चीनी का उत्पादन होने की संभावना है। जिसके चलते वैश्विक चीनी बाजार में भारत द्वारा चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध / सीमा लगाने के बारे में अफवाहें उड़ रही हैं।

चीनीमंडी न्यूज के साथ बातचीत में, श्री सुबोध कुमार सिंह, संयुक्त सचिव (Sugar, Admn. & CVO) ने बताया की, केंद्र सरकार लगातार चीनी उत्पादन और बिक्री के आंकड़ो की निगरानी कर रही है। हम चीनी उत्पादन, निर्यात और चीनी की घरेलू मांग पर नजर रख रहे हैं और घरेलू खपत के लिए चीनी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर रहे हैं। यदि आवश्यक हुआ तो हम किसी भी समय कोई भी उचित निर्णय लेंगे।

हाल ही में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने चीनी मिलों को चालू चीनी मौसम 2021-22 में चीनी के निर्यात पर डाटा हर महीने के 7 वें दिन तक प्रस्तुत करने के लिए अधिसूचित किया है।

ISMA के नवीनतम अपडेट (30 नवंबर, 2021) के अनुसार, वर्तमान सीजन 2021-22 में लगभग 35 लाख टन चीनी निर्यात के लिए पहले ही अनुबंधित किया जा चुका है। इनमें से अधिकांश अनुबंधों पर तब हस्ताक्षर किए गए थे, जब वैश्विक चीनी की कीमतें कच्ची चीनी के प्रति पाउंड 20-21 सेंट थीं। हालांकि, वैश्विक कीमतों में गिरावट हुई है, और अब लगभग 18.6 सेंट प्रति पाउंड के करीब है। चीनी कीमतों में गिरावट के चलते भारतीय चीनी मिलें आगे के निर्यात अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने के लिए आगे नहीं आ रही हैं। ऐसा लगता है कि चीनी मिलें वैश्विक कीमतों में लगभग 21 सेंट या उससे अधिक की बढ़ोतरी की प्रतीक्षा करेंगी।

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